इस प्लांट लगाने का विरोध कर रही ग्रामीणों की संघर्ष समिति के समक्ष जिला प्रशासन ने लिखित समझौते में वहां कचरा प्लांट नहीं लगाने और डंपिंग स्टेशन के कचरे को शिफ्ट करने का दावा करते हुए लिखित में आश्वासन दिया हैं।
इस लिखित समझौते में एडीएम प्रशासन डा.हरितिमा की ओर से प्रस्तावित प्लांट के लिए नेतेवाला गांव में बनाने का दावा किया। कचरे शिफ्ट के लिए करीब ढाई महीने में कार्रवाई का जिक्र किया हैं। हालांकि दो सप्ताह पहले नगर परिषद तत्कालीन आयुक्त सचिन यादव ने राज्य सरकार की ओर से प्रदेश में कचरा प्लांट लगाने के प्रस्तावित प्रस्ताव में चक 6 जैड ए की भूमि को चिह्नित किया था।
शहरी क्षेत्र में कचरा जी का जंजाल बना हुआ है। शहर के 65 वार्डो से रोजाना 86 टन कचरे निकलता है। इस कचरे को चक 6 जैड स्थित नगर परिषद की ओर साढ़े बारह बीघा भूमि में बनाए गए डंपिंग प्वाइंट पर डाला जा रहा है। लगातार कचरा डालने से इस भूमि की मिट्टी भी खराब हो चुकी है।
इस संबंध में राज्य सरकार ने पिछले दिनों केन्द्र सरकार से पूरे प्रदेश में कचरा निस्तारण की प्लानिंग बनाई है। इसमें बताया गया गया है कि ऐसे कचरे से जहरीली बन रही जमीन को बचाने के लिए कचरा प्लांट स्थायी समाधान है।
चक 6 जैड के ग्रामीणों के विरोध पर आने से कचरा प्लांट बनाने का सपना फिर साकार नहीं हो पाएगा। इधर, प्रदेश के चौबीस शहरों में 45 लाख मीट्रिक टन कचरे का स्थायी निस्तारण के लिए कचरा प्लांट लगाने की कवायद शुरू हुई। इस पर 250 करोड़ रुपए का बजट खर्च होने का अनुमान है।
इसमें केन्द्र सरकार का 33 प्रतिशत और राज्य सरकार का भी 33 प्रतिशत हिस्सा कुल 66 प्रतिशत बजट देानेां सरकारों से मिलेगा। शेष 34 प्रतिशत स्थानीय निकाय यानि नगर परिषद को देने का प्रावधान तय किया गया है। इस संबंध में तत्कालीन आयुक्त ने चक 6 जैड के पाए डंपिंग प्वाइंट पर यह प्लांट लगाने का प्रस्ताव बनाने की पेशकश की थी, यह प्रस्ताव डीएलबी तक पहुंचता उससे पहले आयुक्त का तबादला हो गया।
यह सही है कि चक 6 जैड ए में ठोस कचरा प्लांट और लगेंसी प्लांट लगने की संभावना नहीं हैं। ग्रामीणों के विरोध पर जिला प्रशासन की अध्यक्षता में गठित कमेटी ने लिखित आश्वासन भी दिया हैं। कचरा प्लांट नेतेवाला में लगने की संभावना है।- विश्वास गोदारा, कार्यवाहक आयुक्त नगर परिषद श्रीगंगानगर