क्या है स्थिति
प्रदेश की राजधानी जयपुर स्थित राजकीय सेठ आनंदीलाल पोद्दार मूकबधिर माध्यमिक विद्यालय में प्रधानाचार्य का एक और व्याख्याता स्कूल शिक्षा के छह, अजमेर के राजकीय उच्च माध्यमिक अंध विद्यालय में प्रधानाचार्य का एक और व्याख्याता स्कूल शिक्षा के आठ, बीकानेर के राजकीय नेत्रहीन छात्रावासित विद्यालय में प्रधानाध्यापक का एक और व्याख्याता का एक, बीकानेर के ही राजकीय मूकबधिर विद्यालय में प्रधानाध्यापक का एक, बांसवाड़ा के राजकीय मूकबधिर विद्यालय में प्रधानाध्यापक का एक, राजकीय अंध विद्यालय जोधपुर में प्रधानाचार्य का एक और व्याख्याता स्कूल शिक्षा के तीन तथा राजकीय उच्च माध्यमिक अंध विद्यालय, उदयपुर में प्रधानाचार्य का एक और व्याख्याता स्कूल शिक्षा के तीन पद स्वीकृत हैं।
सामान्य शिक्षक कार्यरत
राजकीय अंधविद्यालय जोधपुर की प्रधानाचार्य देवी बिजानी बतानी हैं कि उनके विद्यालय में व्याख्याता स्तर पर सामान्य श्रेणी के शिक्षक ही कार्यरत है। उनका कहना है कि समान्य श्रेणी के शिक्षक को विषय का पर्याप्त ज्ञान होने पर वह विद्यार्थियों को ठीक से विषय का ज्ञान दे पाता।
विशेष शिक्षक ही जरूरी
श्रीगंगानगर के राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय (मल्टीपर्पज) स्थित जिला दिव्यांगता प्रकोष्ठ के प्रभारी भूपेश शर्मा बताते हैं कि वे स्वयं विशेष शिक्षा के शिक्षक हैं तथा विशेष शिक्षा के विद्यार्थियों को विशेष शिक्षक ही बेहतर तरीके से अध्यापन करवा पाता है।
प्रदेश के विशेष शिक्षा विद्यालयों में सामान्य शिक्षा के व्याख्याताओं के पद ही स्वीकृत हैं। फिर भी वहां यदि विशेष शिक्षा की योग्यता वाला अभ्यर्थी मिलता है तो उसे लगाते हैं।
नूतन बाला कपिला, संयुक्त निदेशक (पर्सनल), माध्यमिक शिक्षा निदेशालय, बीकानेर