जीकेएसबी के अनुसार जीकेएसबी के प्रधान कार्यालय में वरिष्ठ प्रबंधक ऋण पवन शर्मा व वरिष्ठ प्रबंधक परिचालन विकास गर्ग, केसरीसिंहपुर बैंक के शाखा प्रबंधक ऋषिराज डूडी व विजयनगर शाखा प्रबंधक कुंदन स्वामी को बहाल कर दिया है लेकिन ऋण वितरण मामले में इनके खिलाफ जांच विचाराधीन रखी गई है। रजिस्ट्रार सहकारी समितियां राजस्थान जयपुर के एक आदेश पर जीकेएसबी के प्रबंध निदेशक भूपेंद्र सिंह ने जीकेएसबी के अधिकारी शर्मा व गर्ग को प्रधान कार्यालय, डूडी को पदमपुर व स्वामी को अनूपगढ़ जीकेएसबी की शाखा में लगाया है। उल्लेखनीय है कि कांग्रेस की कर्ज माफी की घोषणा को देखते हुए बैंक अधिकारियों ने राजनीतिक प्रभाव वाले किसानों को करोड़ों रुपए का कर्ज दे दिया था। सरकार बदलने पर हुई जांच में करीब पंद्रह करोड़ रुपए के (sriganganagar hindi news ) घोटाले का मामला सामने आया था। जांच रिपोर्ट में कर्ज वितरण में शामिल तत्कालीन दो वरिष्ठ प्रबंधकों सहित नौ अधिकारियों को दोषी माना था।
भाजपा सरकार के समय हुई थी कर्ज माफी—2018 में योजना लागू की गई थी। इसमें 50 हजार रुपए तक कर्ज माफ किए गए थे। इसके बाद किसानों को नए लोन दिए गए। श्रीगंगानगर में बजट के अभाव में नए कर्ज वितरण ( loan distribution) पर रोक लगी हुई थी। इसके बावजूद बैंक अधिकारियों ने राजनीतिक मिलीभगत कर करोड़ों का ऋण बांट दिया। कइयों को एक से डेढ़ लाख रुपए तक के ऋण दिए गए। आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने प्रभावशाली लोगों को कर्ज दिया जो प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आते माफ भी हो गया। मामले का खुलासा होने के बाद अतिरिक्त रजिस्ट्रार ने श्रीगंगानगर के एमडी को सात दिन के भीतर घोटाला करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई कर कार्यालय को सूचित करने का अल्टीमेटम दिया था। मुख्यालय से लिखे पत्र में दोषियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए कहा गया था।
भाजपा सरकार के समय हुई थी कर्ज माफी—2018 में योजना लागू की गई थी। इसमें 50 हजार रुपए तक कर्ज माफ किए गए थे। इसके बाद किसानों को नए लोन दिए गए। श्रीगंगानगर में बजट के अभाव में नए कर्ज वितरण ( loan distribution) पर रोक लगी हुई थी। इसके बावजूद बैंक अधिकारियों ने राजनीतिक मिलीभगत कर करोड़ों का ऋण बांट दिया। कइयों को एक से डेढ़ लाख रुपए तक के ऋण दिए गए। आरोप है कि बैंक अधिकारियों ने प्रभावशाली लोगों को कर्ज दिया जो प्रदेश में कांग्रेस सरकार के आते माफ भी हो गया। मामले का खुलासा होने के बाद अतिरिक्त रजिस्ट्रार ने श्रीगंगानगर के एमडी को सात दिन के भीतर घोटाला करने वाले अधिकारियों के खिलाफ कठोरतम कार्रवाई कर कार्यालय को सूचित करने का अल्टीमेटम दिया था। मुख्यालय से लिखे पत्र में दोषियों के खिलाफ बर्खास्तगी की कार्रवाई के लिए कहा गया था।
इनको किया था निलंबित व दी थी चार्जशीट—जीकेएसबी ने 30 मार्च को ( rajasthan patrika news) एक आदेश जारी कर बैंक मुख्यालय ने रावला शाखा के शाखा प्रबंधक साहबराम सोमटा को बर्खास्त कर दिया है जबकि सोमटा 31 मार्च 2019 को सेवानिवृत हो गए हैं। इस बीच जीकेएसबी के प्रधान कार्यालय में वरिष्ठ प्रबंधक ऋण पवन शर्मा व वरिष्ठ प्रबंधक परिचालन विकास गर्ग, केसरीसिंहपुर बैंक के शाखा प्रबंधक ऋषिराज डूडी व विजयनगर शाखा प्रबंधक कुंदन स्वामी को निलंबित कर दिया है। इसके अलावा शाखा प्रबंधक पुरानी धानमंडी रायसिंहनगर गणेश पासवान व शाखा प्रबंधक नई धानमंडी रायसिंहनगर अनिल गुप्ता, जैतसर शाखा प्रबंधक जगराम मीना व समेजा कोठी शाखा प्रबंधक रामप्रताप सहारण को 16 व 17 सीसी में चार्ज शीट दी गई थी।
इन शाखाओं में हुई थी गड़बड़ी– विभाग की जांच रिपोर्ट में बींझबायला, विजयनगर, रावला,घड़साना,पुरानीधान मंडी, नई धानमंडी रायसिंहनगर,जैतसर व समेजा कोठी शाखा और उनके अधीन ग्राम सेवा सहकारी समितियों में गड़बड़ी हुई थी। सात शाखा प्रभारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई के निर्देश दिए गए।