scriptसरकार की हरी झंडी, गेंद दानदाता के पाले में | government approval on memorandum of government medical college | Patrika News

सरकार की हरी झंडी, गेंद दानदाता के पाले में

locationश्री गंगानगरPublished: Mar 13, 2018 09:30:27 pm

Submitted by:

vikas meel

-मेडिकल कॉलेज के संबंध में आज बैठक-बैठक से पहले कई औपचारिकताएं पूरी
 

श्रीगंगानगर.

राजकीय जिला चिकित्सालय परिसर में पीपीपी मोड पर बनने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू करने के बारे में प्रशासन और दानदाता के बीच बुधवार को होने वाली बैठक से पहले प्रशासन ने सभी आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली है। मेडिकल कॉलेज के एमओयू की अवधि तीन साल बढ़ाने के बाद हो रही इस बैठक के बाद गेंद दानदाता के पाले में होगी। एमओयू की अवधि बढ़ाने के बाद सरकार के स्तर पर ऐसी कोई औपचारिकता नहीं बची जो मेडिकल कॉलेज के निर्माण में बाधा बने।

 

मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू करने के संबंध में बैठक बुधवार अपरान्ह 3 बजे कलक्ट्रेट के सभागार में रखी गई है। इसमें जिला कलक्टर और दानदाता के अलावा मेडिकल कॉलेज के लिए नियुक्त नोडल अधिकारी, सार्वजनिक निर्माण विभाग के प्रतिनिधि, नगर विकास न्यास के प्रतिनिधि और डिस्ट्रिक्ट टाउन प्लानर भाग लेंगे। मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी एवं राजकीय जिला चिकित्सालय के प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को भी बैठक में आमंत्रित किया गया है।


ये औपचारिकताएं पूरी

प्रशासन ने बैठक से पहले आवश्यक औपचारिकताएं पूरी कर ली हैं। जिला कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधीक्षण अभियंता को मेडिकल कॉलेज के लिए किसी अभियंता की नियुक्ति करने का कहा है। मेडिकल कॉलेज के भवन निर्माण की मॉनिटरिंग इसी अभियंता को करनी होगी। दानदाता को प्रशासन ने एमओयू की अवधि तीन साल बढ़ाए जाने के पत्र की कॉपी सौंप दी है और उनसे मेडिकल कॉलेज के निर्माण से संबंधित ड्राफ्ट मांगा है।


मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया से समन्वय के लिए मेडिकल कॉलेज के नोडल अधिकारी डॉ.अभिषेक क्वात्रा को बैठक में आमंत्रित किया गया है। इसके अलावा मेडिकल कॉलेज के भवन के लिए जगह और रास्ते के लिए प्रमुख चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया गया है।

 

निर्माण शुरू करवाए
सरकार की ओर से सभी औपचारिकताएं पूरी कर दी गई है। एमओयू की अवधि बढ़ाने पर भी फैसला हो गया। सरकार और प्रशासन के स्तर पर अब ऐसा कोई बिन्दु नहीं बचा जो मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू करवाने के लिए जरूरी हो। अब दानदाता को ही यह तय करना है कि निर्माण कब शुरू हो।

– ज्ञानाराम, जिला कलक्टर, श्रीगंगानगर

loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो