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सामने आई ‘श्रवण कुमार’ की फौज, अधिकारी बोले, कौन से चुनाव होते हैं रोज

locationश्री गंगानगरPublished: Oct 18, 2019 01:18:04 pm

Submitted by:

jainarayan purohit

स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनाव नजदीक आते ही ‘श्रवण कुमार’ की फौज प्रशासन के सामने आ गई है। जिन सरकारीकर्मियों की चुनावी कार्य में ड्यूटी लगी है, उनमें से काफी जने इसे कटवाना चाहते हैं।

सामने आई ‘श्रवण कुमार’ की फौज, अधिकारी बोले, कौन से चुनाव होते हैं रोज

सामने आई ‘श्रवण कुमार’ की फौज, अधिकारी बोले, कौन से चुनाव होते हैं रोज

श्रीगंगानगर. स्थानीय निकाय संस्थाओं के चुनाव नजदीक आते ही ‘श्रवण कुमार’ की फौज प्रशासन के सामने आ गई है। जिन सरकारीकर्मियों की चुनावी कार्य में ड्यूटी लगी है, उनमें से काफी जने इसे कटवाना चाहते हैं।
वे कलक्ट्रेट में चक्कर काट रहे हैं, कई तो लिखित में अनेक कारण बताते हुए खुद को चुनावी ड्यूटी करने में असमर्थ बता रहे हैं। अपने माता-पिता के बुजुर्ग, बीमार होने का हवाल दिया जा रहा है। उनकी देखभाल का जिम्मा खुद पर होने का जिक्र करते हुए ड्यूटी से मुक्ति की गुहार की जा रही है। कई जने तो बकायदा चिकित्सकों की पर्चियां और अन्य रिपोर्ट की फोटो प्रति भी अर्जी के साथ लगा रहे हैं।
जिला निर्वाचन अधिकारी, जिला कलक्टर शिवप्रसाद एम नकाते और निर्वाचन रजिस्टरीकरण अधिकारी, उप जिला कलक्टर मुकेश बारैठ से चुनावी ड्यूटी कटवाने के लिए प्रतिदिन सम्पर्क करने वालों की संख्या अच्छी-खासी है। इनमें से कुछ को तो फटकार सुननी पड़ रही है। जिनकी परेशानी अधिकारियों को जायज लगी रही है, उन्हें राहत देने की कोशिश भी की जा रही है। अधिकारी ऐसे कार्मिकों से यही कह रहे हैं कि चुनाव कौनसा रोज होते हैं, राष्ट्र हित के इस काम में सभी को बढ़-चढ़ कर हाथ बंटाना चाहिए।
करवाई जा रही है सिफारिश
ड्यूटी कटवाने के लिए कई जने तो इधर-उधर से सिफारिश भी करवा रहे हैं। कुछ इसके लिए जन प्रतिनिधियों तक पहुंचे हैं तो कई जनों ने वरिष्ठ अधिकारियों का सहारा लिया है। ड्यूटी लगाने-काटने के काम से जुड़े कर्मचारियों के स्थानीय सम्पर्कों तक को भी टटोला गया है।
इधर, निर्वाचन आयोग बहुत सख्त, दिया हनुमानगढ़ का उदाहरण
राज्य निर्वाचन आयोग चुनावी ड्यूटी में आनाकानी पर बहुत सख्त है। गत पखवाड़े उसने शिक्षा विभाग के शासन सचिव को पत्र लिख कर इस बात पर नाराजगी जताई है कि हनुमानगढ़ में उनका विभाग चुनावी कार्य में सहयोग नहीं कर रहा है। अधिकारी एवं कर्मचारी कोताही बरत रहे हैं। मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने इस पत्र की प्रति बकायदा सभी जिला निर्वाचन अधिकारियों को भी भेजी है। इसमें लिखा है कि चुनाव राष्ट्र हित का महत्वपूर्ण कार्य है। इसे समय पर किया जाना जरूरी है। जिन कार्मिकों की ड्यूटी लगाई जाए, तुरंत कार्यमुक्त किया जाना चाहिए जिससे कि चुनाव कार्य सम्पन्न करवाने में किसी प्रकार की बाधा नहीं आए।
कारण ऐसे-ऐसे
ड्यूटी कटवाने के लिए माता-पिता की सेवा के अलावा अलग-अलग तरह के कारण बताए जा रहे हैं। इनमें से कुछ कारण इस तरह से हैं-पेट में डला है स्टंट, कमर में रहता है दर्द, पड़ चुका है दिल का दौरा, आंखों से दिखता है कम, घुटनों में रहता है दर्द।
विभागाध्यक्ष भी नहीं पीछे
अपने अधीनस्थों की ड्यूटी कटवाने की कोशिश में कई विभागाध्यक्ष भी पीछे नहीं हैं। वे अपने यहां स्टाफ की कमी, अति व्यस्तता का समय जैसे कई कारण गिनाते हुए आग्रह कर रहे हैं कि उनके कार्यालय के कर्मचारी को मुक्त किया जाए।
चुनाव सर्वोच्च प्राथमिकता का कार्य है। कुछ कार्मिक ड्यूटी कटवाने आ रहे हैं, सभी को यही कहा जा रहा है कि इस महत्वपूर्ण कार्य में सहयोग किया जाए’ -मुकेश बारैठ, निर्वाचन रजिस्टकरण अधिकारी एवं उप जिला कलक्टर।
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