बैठक में कई बातों पर व्यापारी नेताओं में मतभिन्नता भी नजर आई लेकिन सभी का मानना था कि बिना एकजुटता पार नहीं पड़ेगी। कई वक्ताओं ने बुधवार को जयपुर में मंडियां बंद के ऐलान को मानने से स्पष्ट इनकार किया। इनका कहना था कि राजस्थान खाद्य पदार्थ संघ अपेक्षाओं पर खरा नहीं उतरा। आढ़त में मामूली बढ़ोतरी संतुष्ट करने वाली नहीं है, मुख्य मांग जब तक पूरी नहीं हो आंदोलन जारी रखना चाहिए।
दी गंगानगर ट्रेडर्स एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष विक्रम चितलांगिया, जिला व्यापार संघ के वरिष्ठ उपाध्यक्ष चन्द्रेश जैन, आढ़तिया संघ के अध्यक्ष राजकुमार बंसल सहित सूरतगढ़, घड़साना, अनूपगढ़, रायसिंहनगर, पदमपुर, बींझबायला, गजसिंहपुर, केसरीसिंहपुर, सादुलशहर, जैतसर मंडियों के व्यापारी भी बैठक में मौजूद थे।
नरमा की सरकारी खरीद में आढ़त बंद करने सहित कई मुद्दों को लेकर व्यापारी आक्रोशित हैं। इनको लेकर 1 से 5 सितम्बर तक राज्य की धान मंडियां बंद रखी गई, व्यापारिक संगठन की जयपुर में बुधवार सुबह हुई बैठक में इस बंद को 10 सितम्बर तक जारी रखने का भी तय हुआ लेकिन इसके बाद उच्च स्तरीय बैठक और कृषि मंत्री की मौजूदगी में आढ़त 2 से बढ़ाकर 2.25 रुपए प्रति सैकड़ा करने की घोषणा की गई। नरमा पर आढ़त जारी रखने के संबंध में राज्य सरकार की ओर से 15 दिन में दिल्ली प्रतिनिधिमंडल भेजने का कहा गया। इस पर खाद्य पदार्थ व्यापार संघ ने गुरुवार से राज्य की धान मंडियों में काम शुरू करने की घोषणा कर दी।