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जीएसटी में मोहर को लेकर गफलत

locationश्री गंगानगरPublished: Jul 17, 2018 07:24:46 am

Submitted by:

pawan uppal

सूत्रों के अनुसार जीएसटी के बाद कुछ प्रमुख अधिकारियों के पदनाम बदले जा चुके हैं, ऐसे में वे अपने नए पदनाम के हिसाब से भी काम कर रहे हैं।

GST

जीएसटी का साल हुआ एक, पर अधिकारियों की मोहर नहीं एक

श्रीगंगानगर.

गुड्स एंड सर्विस टैक्स (जीएसटी) को लागू हुए एक साल हो गया, संबंधित विभागों ने वर्षगांठ के उपलक्ष्य में कई कार्यक्रम भी रख लिए लेकिन अभी तक प्रमुख अधिकारियों के पदनाम की मोहर एक नहीं हो पाई है। इस कारण कई बार गफलत होती है।

सूत्रों के अनुसार जीएसटी के बाद कुछ प्रमुख अधिकारियों के पदनाम बदले जा चुके हैं, ऐसे में वे अपने नए पदनाम के हिसाब से भी काम कर रहे हैं। पूर्व में वैट के चलते जो पदनाम था वो भी कुछ जगह चल रहा है। महत्वपूर्ण यह है कि जो अधिकारी अपने कार्यालय के मुखिया के नाते आहरण वितरण अधिकारी (डीडीओ) का काम देखते हैं, उनकी पुरानी वाली मोहर ही चल रही है।पदनाम को लेकर कई बार भ्रान्ति होती है। उदाहरण के लिए यहां श्रीगंगानगर-हनुमानगढ़ जिले के शीर्ष कार्यालय के प्रभारी संयुक्त आयुक्त (प्रशासन)-जेसी हैं, कार्यालय के बाहर यही बोर्ड लगा है। पूर्व में यह उपायुक्त (प्रशासन)-डीसी का कार्यालय था।कुछ लोग अभी डीसी बोलते हैं तो काफी जने जेसी बोलने लगे हैं। यही स्थिति इनके अधीनस्थ अनेक अधिकारियों के कार्यालय एवं पदनाम को लेकर है।
यूं हुआ बदलाव
पहले नया पदनाम
उपायुक्त संयुक्त आयुक्त
सहायक आयुक्त उपायुक्त
सहायक वाणिज्यिक
कर अधिकारी राज्य कर अधिकारी

लगेगा थोड़ा समय
विभाग के अनुसार पदनाम और कार्यालय का एक नाम होने में थोड़ा समय लगेगा। अभी वैट के जो मामले लम्बित हैं, उनमें पुराना पदनाम ही चल रहा है। जब इन सबका निस्तारण हो जाएगा फिर जीएसटी के साथ लागू हुआ नया पदनाम ही चला करेगा।

यह सही है कि डीडीओ के रूप में पुरानी मोहर चल रही है, इसके बदलाव के लिए मुख्यालय को लिखा गया है।
-चन्द्रप्रकाश मीणा, संयुक्त आयुक्त (प्रशासन)।

वित्त विभाग की सूचना के आधार पर ही कोषागार में बिल आदि बनते हैं, ऊपर से नया पदनाम आने पर ही बदलाव होगा।
-सुनील ढाका, जिला कोषाधिकारी
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