उल्लेखनीय है कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के आदेश पर 13 जुलाई को डॉ.गिरधारी लाल मेहरड़ा ने सीएमएचओ के पद पर कार्यभार संभाला था। तब तत्कालीन सीएमएचओ डॉ.नरेश बंसल चार्ज देने के लिए नहीं आए थे और न ही जिला चिकित्सालय में उप-नियंत्रक के पद पर ज्वाइन किया। इस बीच पूर्व सीएमएचओ डॉ.बंसल के खिलाफ गद्दा खरीद प्रकरण में गड़बड़ी करने का विस्तृत जांच चल रही है। वहीं, डॉ.बंसल मेडिकल अवकाश पर चल रहे हैं।
इसी समय से सीएमएचओ डॉ.मेहरड़ा और पूर्व ( rajasthan patrika news ) सीएमएचओ बंसल में सीएमएचओ की कुर्सी को लेकर रस्साकशी चल पड़ी। डॉ.नरेश बंसल को 20 जुलाई को हाईकोर्ट से स्टे मिल गया और उसी दिन शाम को अवकाश के बावजूद ( sriganganagar hindi news) सीएमएचओ पद पर ज्वाइन कर लिया। 21 जुलाई को रविवार था और 22 जुलाई को जब ऑफिस खुला तो डॉ.मेहरड़ा ने ज्वाइन कर डॉ.नरेश बंसल को निदेशालय स्तर पर उपस्थिति देने के लिए पाबंद कर दिया।
—————- तारीख पर तारीख—डॉ.बंसल 17 जुलाई को सीएमएचओ पद से हटाए जाने पर हाईकोर्ट में चले गए। 19 को तारीख पड़ी और 20 जुलाई को हाईकोर्ट ने स्थगन आदेश जारी कर दिया। डॉ.बंसल को डॉ.मेहरड़ा ने जयपुर के लिए रिलीव कर दिया। जिस पर वे फिर से कोर्ट में चले गए। हाईकोर्ट से उन्हें पहले पांच अगस्त और बाद में13 अगस्त की तारीख मिली।
————- इस आदेश का दिया था हवाला–सीएमएचओ डॉ.मेहरड़ा ने बताया कि चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाएं राजस्थान जयपुर के निदेशक (जन स्वास्थ्य)ने 1 दिसंबर 2009 को एक आदेश जारी कर समस्त सीएमएचओ,पीएमओ और ब्लॉक सीएमओ को पाबंद किया था कि किसी कार्मिक के स्थानांतरण पर न्यायालय के स्थगन बाद निदेशालय या राज्य सरकार से मार्गदर्शन प्राप्त होने पर ही कार्यग्रहण करवाया जाए। इस आदेश का हवाला देकर डॉ.बंसल को जयपुर निदेशालय में उपस्थिति देने के लिए रिलीव किया गया था।