गंगानगर बड़ा बाजार मंदे की चपेट में मिल इलाके में ही 2012-13 में विकसित गंगानगर बड़ा बाजार बना हुआ है। इसमें सैकड़ों दुकानें है। इस बाजार में मुश्किल से 20-25 प्रतिशत दुकानें ही आबाद हैं। मिनी सचिवालय बनाने की घोषणा के बाद इस बाजार में भी कुछ हलचल शुरू हुई है।
44 साल से दुकानदारी, अब जगी उम्मीद मैं इस इलाके में 44 साल से दुकानदारी कर रहा हूं। शुगर मिल बस्ती में गरीब तबके के लोग रहते हैं। नई घोषणा से आय में अच्छी बढ़ोतरी की उम्मीद बंधी है। -राजकुमार चराया, दुकानदार
शायद चमक जाए भाग्य वर्षों से साइकिल मरम्मत कर परिवार का गुजारा कर रहा हूं। दो साल पहले मिल शिफ्ट होने से
रोजगार ठप हो गया। अब मिल की जगह पर मिनी सचिवालय बनने जा रहा है। शायद भाग्य चमक जाए। -दयानंद, दुकानदार
चमन बन जाएगा इलाका इस क्षेत्र में सभी सरकारी कार्यालय आ जाने से इलाका चमन बन जाएगा। मिनी सचिवालय बनने की घोषणा से लोग प्रसन्न हैं। इलाके में विकास से लोग समृद्ध होंगे। -कालासिंह, नागरिक, वार्ड 47
लोग कर रहे बेसब्री से इंतजार इस क्षेत्र के लोग मिनी सचिवालय बनने का बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। सड़क चौड़ी हो जाएगी। इलाके में विकास के साथ-साथ साफ-सफाई नियमित रूप से होगी। -निर्मल कुमार, नागरिक, वार्ड 47
घोषणा के बाद बढ़ी पूछताछ गंगानगर बड़ा बाजार में 450 दुकानें हैं इनमें करीब 250 बिक चुकी हैं। शुगर मिल की जमीन पर मिनी सचिवालय की घोषणा के बाद पूछताछ बढ़ी है। इससे डवलपर्स उत्साहित हैं। -रमन बिहाणी, निदेशक, गंगानगर इंडस्ट्रीज, लिमिटेड (डवलपर्स गंगानगर बड़ा बाजार)
मिनी सचिवालय बनना तय, प्रक्रिया शुरू शुगर मिल की जमीन पर मिनी सचिवालय बनाने का निर्णय राज्य सरकार के स्तर पर हो चुका है। जमीन के निरीक्षण आदि का काम भी जिला कलक्टर कर चुके हैं। अब मुख्यालय की ओर से मांगी जाने वाली सूचनाएं प्रशासन भिजवा रहा है। -वीरेन्द्र वर्मा, अतिरिक्त जिला कलक्टर (शहर), श्रीगंगानगर