scriptबिना कोच कैसे तैयार होंगे खिलाड़ी ? | How will the coach be prepared without a coach? | Patrika News

बिना कोच कैसे तैयार होंगे खिलाड़ी ?

locationश्री गंगानगरPublished: Jun 24, 2019 06:51:40 pm

Submitted by:

Krishan chauhan

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without a coach?

बिना कोच कैसे तैयार होंगे खिलाड़ी ?

बिना कोच कैसे तैयार होंगे खिलाड़ी ?

ओलंपिक दिवस पर विशेष : जिला मुख्यालय पर 12 कोच के स्थान पर तीन कोच से चलाया जा रहा काम

श्रीगंगानगर. खेल और खिलाडिय़ों को प्रोत्साहन देने के लिए राज्य सरकार की ओर से खेल नीति बनाई हुई है, लेकिन सच्चाई यह है कि जिला मुख्यालय पर खिलाडिय़ों को प्रोत्साहित करने के लिए प्रशिक्षित ‘कोच’ नहीं मिल रहे हैं। विभिन्न खेलों से संबंधित 12 कोच की व्यवस्था होनी चाहिए, लेकिन यहां तीन कोच हैं। जबकि यहां पर खेल स्टेडियम बना हुआ है और अब सिंथेटिक टै्रक का निर्माण कार्य चल रहा है लेकिन इन खिलाडिय़ों को पर्याप्त संसाधन और प्रशिक्षित कोच नहीं होने के कारण प्रोत्साहन नहीं मिल पा रहा है। बिना कोच नेशनल और इंटरनेशनल खिलाड़ी कैसे तैयार होंगे? हालांकि यहां से क्रिकेट में जरूर एक-दो खिलाड़ी नेशनल स्तर तक पहुंचने की कोशिश में लगे हुए हैं लेकिन अन्य खेलों में स्थिति ज्यादा अच्छी नहीं है। जिला मुख्यालय पर टेबल टेनिस खिलाडिय़ों के लिए हॉल की सुविधा नहीं है और इनडोर में कुश्ती खिलाडिय़ों के लिए मैट उपलबध नहीं हैं।
तीन कोच से चलाया जा रहा है काम-जिला मुख्यालय पर कबड्डी के कोच जिला खेलकूद अधिकारी सुरजीत सिंह थे। वे हाल ही में सेवानिवृत हो गए। एक कोच सुरेंद्र सिंह भी यहां पर थे उनका यहां से तबादला हो गया। यहां पर अस्थाई रूप से 16 कोच और तीन अतिरिक्त कोच लगे हुए थे। इनकी सेवा समाप्त हो चुकी है। जिला खेलकूद अधिकारी का पद यहां पर रिक्त है और इसका अतिरिक्त कार्यभार हनुमानगढ़ के उम्मेदसिंह यादव को दे रखा है। वर्तमान में बॉस्केट बॉल के कोच हरजिंद्र सिंह व एथेलेटिक्स कोच शमशेर सिंह हंै।
खिलाडिय़ों को दक्ष करने की कोशिश–जिला खेलकूद अधिकारी उम्मेद सिंह यादव कहते हैं कि कोच व खिलाडिय़ों के लिए सुविधाओं की कमी है। इनके प्रस्ताव बनाकर भेजे हुए हैं। जल्द ही खिलाडिय़ों के लिए सुविधाएं मिलेगी। इस वक्त जितने संसाधन विभाग के पास उपलब्ध हैं, इनसे खिलाडिय़ों की अच्छी तैयारी करवाई जा रही है। जिला मुख्यालय पर इन दिनों कबड्डी, हैंडबॉल, बास्केटबॉल, हॉकी और वॉलीबॉल, कुश्ती, एथेलेटिक्स,विशु,जूडो और बॉक्सिंग के खिलाड़ी शिविर में भाग ले रहे हैं। यहां पर सवा दो सौ से ढाई सौ खिलाडिय़ों को सुबह और शाम को दो-दो घंटे की प्रेक्टिस करवाई जा रही है। इन खिलाडिय़ों को प्रशिक्षण देकर दक्ष किया रहा है।
आकार लेने लगा है सिंथेटिक ट्रैक–महाराजा गंगासिंह स्टेडियम में सिंथेटिक ट्रैक का काम पिछले दस माह से चल रहा है। अभी इसमें काफी काम होना है। चुनाव की वजह से टेंडर प्रक्रिया पूर्ण नहीं हो पाई है। इस ट्रैक पर अनुमानित खर्च सात करोड़ 30 रुपए होगा। यह सिंथेटिक ट्रैक सामान्य ट्रैक से तेज होता है तथा इस पर राज्य व राष्ट्रीय स्तर की प्रतियोगिता होती है।
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