तो एक फरवरी को लगाएंगे धरना अरोड़वंश युवा टीम के नेतृत्व में आए सुबह करीब 11 बजे एसडीएम कार्यालय के बाहर एकत्र युवकों ने सभा की। इसमें वक्ताओं ने कहा कि एक राज्यमंत्री के विधानसभा मुख्यालय पर स्थित राजकीय चिकित्सालय में डॉक्टर नहीं होना हैरानी भरा है। युवाओं ने कहा यदि इसी माह में डॉक्टरों की नियुक्ति नहीं की गई तो वे सरकार का ‘उपचार’ करने से पीछे नहीं हटेंगे। मांग पूरी नहीं होने पर उन्होंने एक फरवरी को धरना लगाकर इसकी शुरूआत करने की चेतावनी दी। और बाद में नारेबाजी करते हुए एसडीएम कार्यालय पहुंचे।
रेफर ही उपचार है यहां वहां एसडीएम मुकेश बारैठ को ज्ञापन सौंपते हुए युवकों ने कहा कि राजकीय चिकित्सालय में गायनी, सर्जन, फिजिशियन व नेत्र रोग विशेषज्ञ के नहीं होने से रेफर ही एकमात्र उपचार है। युवकों का कहना था कि अल्ट्रासांउड, ब्लड बैंक, आईसीयू, आपातकालीन चिकित्सा, निशुल्क दवाएं और अन्य सुविधाएं नहीं होने से रोगियों का मर्ज और बढ़ जाता है। उनका कहना था कि समस्या से महिलाएं व बुजुर्ग खासतौर से प्रभावित हो रहे हैं।
मौके पर संदीप सेठी, राजन बवेजा, अमित भठेजा, बिट्टू गुम्बर, अनिल रस्सेवट, विशाल रस्सेवट, सुरेन्द्र वाट्स, विपुल अरोड़ा, रोशन ग्रोवर, शैलेश डंग, सोनू चावला, डॉ.सनी बवेजा, नवीन पाहवा, कमल छाबड़ा, गोरू सुखीजा, सुमित डंग, मनोज नागपाल, अशोक मिगलानी सहित करीब 60 युवक मौजूद थे।
नहीं सहन हुआ बुजुर्गों का दर्द अरोड़वंश युवा टीम के अगुआ संदीप सेठी ने बताया कि उनकी टीम करीब एक माह से समाज के प्रत्येक परिवार से मिलकर जहां उनका बॉयोडाटा एकत्र किया वहीं बुजुर्गों की समस्याओं को भी जाना। इस दौरान अधिकांश लोगों ने राजकीय चिकित्सालय में रोग विशेषज्ञों व अन्य सुविधाओं के नहीं होने से आ रही परेशानी को ही मुख्यत: सामने रखा। इसे लेकर टीम सदस्यों ने मंगलवार रात बैठक की और समस्या के निराकरण के लिए आंदोलन शुरू करने का निर्णय लिया।