जैसे ही वार्ड पार्षदों के परिणाम आए तो एक एक पार्षद बाड़े में बंद हो गए।इस बीच भाजपा हाइकमान ने इस चुनाव में सभापति पद के लिए चांडक की बजाय अन्य के नाम पर फार्म भराने के आदेश किए। जब तक पूर्व मंत्री राधेश्याम गंगानगर के जेष्ठ पुत्र रमेश राजपाल पार्षद अशोक मुंजराल का फार्म लेकर नगर परिषद में पहुंचे तो वहां चांडक समर्थकों के साथ धक्का मुक्की हो गए।
पार्षद मुंजराल बाड़ेबंदी में बीकानेर में होने के कारण उनका फार्म सभापति के लिए जमा नहीं हो पाया तो उसी समय पार्षद डा.भरतपाल मय्यर को निर्दलीय प्रत्याशी के तौर पर फार्म भरवाया गया। डा.़मय्यर भाजपा की बजाय निर्दलीय प्रत्याशी के रूप में चुनाव लड़ा था और जीते थे। लेकिन भाजपा हाइकमान के आदेश पर उन्हेांने फार्म भर दिया। सभापति के चुनाव में चांडक को 50 में से 48 पार्षदों ने पक्ष में वोटिंग की, वहीं डा.मय्यर को सिर्फ दो ही वोट मिल पाए।
कांग्रेस ने ऐनवक्त पर चंडक को दिया समर्थन सभापति की कुर्सी ऐनवक्त पर खिसकती देख चांडक के रणनीतिकारों ने ऐनवक्त पर कांग्रेस से समर्थन मांगा था, इन रणनीतिकारों को आंशका थी कि भाजपा हाइकमान उनके बाड़े में बंद भाजपा पार्षदों को खिलाफत में वोटिंग करवा सकती है। ऐसे में कांग्रेस ने अपने 10 पार्षदों को चांडक के पक्ष में वोटिंग कराई।
भाजपा और कांग्रेस व निर्दलीय पार्षदों के चांडक के पक्ष में वोट आने से सभापति कुर्सी पर हासिल हुई। जिलाध्यक्ष और चांडक दोनेां हुए निलम्बित भाजपा हाइकमान ने चांडक के पक्ष में पार्षदों की वोटिँग कराने पर तत्कालीन जिलाध्यक्ष अशोक नागपाल के साथ साथ चांडक को भी निलम्बित कर दिया। विधानसभा चुनाव से कुछ दिन पहले नागपाल का निलम्बन बहाल हो गया था लेकिन चांडक को भाजपा में फिर से एंट्री नहीं मिली।
चांडक के अग्रज अशोक चांडक ने जब विधानसभा चुनाव में कांग्रेस की टिकट ली तो चांडक ने भी भाजपा से दूरी बना ली। वे लोकसभा चुनाव के दौरान कांग्रेस में विधिवत रूप से शामिल हो गए। कुनबा बढ़ा लेकिन ढर्रा नहीं भाजपा की राज्य में सरकार होने के कारण वर्ष 2016 में निर्दलीय 19 में से 12 पार्षदों ने भाजपा का दामन थाम लिया था।
तब भाजपा पार्षदों की संख्या 20 थी जो बढकऱ 32 हो गई थी। इसके बावजूद चांडक को पटखनी देने के लिए अविवास प्रस्ताव लाने के लिए पदमपुर बाइपास पर एक होटल में कई पार्षदों ने खुद की बाड़ेबंदी भी की लेकिन पार नहीं पड़ी। नगर परिषद में दलीय स्थिति वर्ष 2014 में भाजपा के 21, निर्दलीय 19 और कांग्रेस के 10 पार्षद थे। लेकिन वर्ष 2016 में निर्दलीय 12 पार्षदों ने भाजपा ज्वाइनिंग कर ली। वहीं भाजपा की टिकट पर जीते चांडक पार्टी से निलम्बित हो गए। ऐसे में अब तक दलीय स्थिति ऐसी बनी, भाजपा के 32 पार्षद, कांग्रेस के 10, निर्दलीय 08 पार्षद है।