scriptश्रीगंगानगर में बरसात ने कराई तौबा तौबा, अगले चौबीस घंटे बरसे तो सेना के हवाले शहर | In Sriganganagar, rain caused the storm | Patrika News

श्रीगंगानगर में बरसात ने कराई तौबा तौबा, अगले चौबीस घंटे बरसे तो सेना के हवाले शहर

locationश्री गंगानगरPublished: Sep 29, 2019 11:22:58 pm

Submitted by:

surender ojha

rain caused the stormमुख्य नालों की सफाई नहीं होने के कारण पानी सडक़ों पर देर रात तक पसरा रहा। सडक़ों पर अधिक पानी होने का खमियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।

श्रीगंगानगर में बरसात ने कराई तौबा तौबा, अगले चौबीस घंटे बरसे तो सेना के हवाले शहर

श्रीगंगानगर में बरसात ने कराई तौबा तौबा, अगले चौबीस घंटे बरसे तो सेना के हवाले शहर

श्रीगंगानगर। शहर में एकाएक आई बरसात ने पानी निकासी के इंतजाम फेल कर दिए। हालात तो इस कदर भयावाह थे कि शहर के मुख्य मार्गो पर गोडे गोडे पानी में राहगीरों के कदम ठहर गए . नगर परिषद प्रशासन हर साल पानी निकासी के लिए करोड़ों रुपए का बजट खर्च कर रही है लेकिन बरसात ने इसकी हकीकत बयां कर दी। मुख्य नालों की सफाई नहीं होने के कारण पानी सडक़ों पर देर रात तक पसरा रहा। शहर के अधिकांश इलाके जलमग्न रहे, रविवारीय अवकाश होने के कारण नगर परिषद का एक भी अधिकारी और कार्मिक पानी निकासी की कोशिश के लिए नजर नहीं आए। सडक़ों पर अधिक पानी होने का खमियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है।
कई इलाके में सडक़ों की हालत खराब होने के कारण दुपहिया वाहन गिरते गिरते बचे तो कईयों ने अपनी जान बचाने के लिए पैदल ही अपने वाहनों को गंतव्य स्थल तक घिसटते नजर आए। खड्ढो में पानी की मोटरें बंद, जनरेटरों का बंदोबस्त नहीं पुरानी आबादी के इदगाह के पास और गुरुनानक बस्ती के पास खड्ढे में पानी निकासी की व्यवस्था रविवार सुबह से शाम तक ठप रही। इस कारण शहर में पानी की निकासी नहीं हो पाई। मुख्य नालों से पानी की निकासी नहीं होने के कारण पानी ओवरफलो होकर सडक़ों पर पसरा रहा। नगर परिषद के स्वास्थ्य अधिकारी देवेन्द्र प्रताप सिंह ने बताया कि रविवार को दोपहर पौने दो बजे से शाम पौने छह बजे तक बिजली आपूर्ति ठप थी, इस कारण दोनों एरिया के खड्ढों में पानी डालने के लिए लगी मोटरें बंद रही।
जनरेटरों की व्यवस्था नहीं होने के कारण बिजली आपूर्ति पर निर्भर होना पड़ रहा है। पिछले साल तक बरसात होते ही पानी की मोटरें जनरेटरों के माध्यम से चला दी जाती थी लेकिन इस बार नगर परिषद ने बजट की कमी का हवाला देते हुए पानी की मोटरों को चालू कराने की कोशिश नहीं की।
हनुमानगढ रोड पर शिव चौक से जगदम्बा अंध विद्यालय तक, सूरतगढ़ रोड पर शिव चौक सुखाडिय़ा सर्किल, सुखाडिय़ा मार्ग, गौशाला मार्ग, रवीन्द्र पथ, पूर्व मंत्री राधेश्याम आवास वाली रोड, मीरा चौक से आरओबी तक मौसम विभाग के सामने, पुरानी आबादी के ताराचंद वाटिका से लेकर माइक्रोटावर तक, उदाराम चौक, जवाहरनगर इंदिरा वाटिका से गगन पथ तक तहसील रोड, ब्लॉक एरिया के एल ब्लॉक, एन ब्लॉक, जी ब्लॉक, पी ब्लॉक, डी ब्लॉक, सी ब्लॉक, पुरानी आबादी, सेतिया कॉलोनी, जवाहरनगर सैक्टर तीन, चार, पांच, छह, सात और आठ के अलावा राणाप्रताप कॉलोनी, जाखड़ कालोनी, भूप कॉलोनी, अग्रसेननगर एरिया में पानी अधिक होने के कारण पानी की निकासी ठप हो गई। इन इलाके के कई घरों में नालियों का पानी घुसने लगा। रविवार को दो दौर की हुई बरसात से पानी की निकासी रात तक निकासी नहीं हो पाई।
बरसाती पानी जिन इलाके में अधिक भराव होता है वहां नगर परिषद प्रशासन की ओर से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाए थे। ये सिस्टम करीब बाइस जगहों पर बनाए गए थे, प्रति सिस्टम पर करीब दो से ढाई लाख रुपए की राशि भी खर्च की गई लेकिन एक भी सिस्टम इस बरसात में उपयोगी साबित नहीं हो पाया। यहां तक कि रामलीला मैदान के दोनों कोने पर दो सिस्टम, मटका चौक, सुखाडिय़ा मार्ग पर बिहाणी खेल मैदान के पास, एन ब्लॉक इंदिरा पार्क, सुखाडिय़ा पार्क, जी ब्लॉक भगतसिंह पार्क, एल ब्लॉक स्थित पंडित दीनदयाल उपाध्याय वाटिका आदि इलाकों में ऐसे सिस्टम बनाए गए ताकि बरसाती पानी की तत्काल निकासी भूमि में हो जाएं लेकिन एक भी सिस्टम कारगर साबित नहीं हो पाया है। –
दुपहिया वाहनों की हालत इस बरसात ने सबसे ज्यादा परेशान किया। बरसाती पानी सडक़ों पर माइनर की तरह पसरा नजर आया। सडक़ों पर अधिकांश दुपहिया वाहन आगे बढऩे के प्रयास में परेशानी का सामना करने को मजबूर हो गए। पानी इंजन और संलेसंर में घुसने के कारण दुपहियों को सुरक्षित स्थानों तक घसीटते नजर आए, वहां भी किक मार कर या प्लग को साफ कर दुपहिया वाहनों को स्टार्ट करते की कोशिश में लगे थे। कई चौपहिया वाहन भी बीच सडक़ों पर थम गए।
दुबक कर बैठे नजर आए शहर के जिम्मेदार शहर बरसाती पानी से लबालब था तब शहर के जिम्मेदार अपने घरों में दुबके रहे। नगर परिषद सभापति अजय चांडक, उपसभापति अजय दावडा, आयुक्त प्रियंका बुडानिया, नगर विकास न्यास की सचिव डा.़हरीतिमा के अलावा निकाय चुनाव में दुबारा ताल ठोकने वाले पार्षदों ने भी अपनी जिम्मेदारी से काम करने की बजाय रविवारीय अवकाश में मशगूल रहे। किसी जनप्रतिनिधियों ने भी शहरहित में एक आवाज तक नहीं उठाई।
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