नगर परिषद और नगर विकास न्यास प्रशासन के इंतजाम के दावे बरसाती पानी में बह गए है। इन दोनों संस्थाओं में स्थायी अधिकारी नहीं है। नगर परिषद और यूआइटी ने पानी निकासी के लिए करोड़ों रुपयों का बजट खर्च दिया है लेकिन अभी तक पानी की निकासी की व्यवस्था पुराने ढर्रे पर चल रही है।
शहर के रविन्द्र पथ, गौशाला मार्ग, तहसील रोड, हनुमानगढ़ रोड, ब्लॉक एरिया की अधिकांश गलियां, पुरानी आबादी के वार्ड तीन, ताराचंद वाटिका के पास, सब्जी मंडी, उदाराम चौक, गुरुनानक बस्ती, जवाहरनगर के सैक्टर तीन, दो, सात, चार, अग्रसेननगर चौक एरिया में पानी की निकासी सुबह पांच बजे से सुबह ग्यारह बजे तक नहीं हो पाई। यहां तक कि इन इलाके में नगर परिषद का अमला नजर नहीं आया।
नई धानमंडी में बरसात के कारण वहां खुले में पड़ी गेहूं की बोरियां भीग गई। व्यापारियों, श्रमिकों और किसानों को इन बोरियों को वहां से शि$फट करने का मौका तक नहीं मिला। हालांकि मौसम विभाग ने अड़तालीस घंटे पर भारी बरसात की चेतावनी दे दी थी। इस चेतावनी के बावजूद जिला प्रशासन, कृषि उपज मंडी समिति, नगर परिषद सहित अधिकांश सरकारी महकमों ने गंभीरता से कदम नहीं उठाया।
नगर विकास न्य्यास सचिव कैलाशचन्द्र शर्मा और नगर परिषद आयुक्त अशोक असीजा का लोकसभा चुनाव की आचार संहिता से पहले तबादले होने के कारण पद खाली पड़े है। न्यास सचिव का कार्यभार जिला परिषद की अतिरिक्त मुख्य कार्यकारी अधिकारी डा.हरीतिमा को दिया गया है। वहीं नगर परिषद के राजस्व अधिकारी मिलखराज चुघ को आयुक्त पद की जिम्मेदारी दी गई से नहीं पड़ रही पार ।