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समावेशी शिक्षा: सहानुभूति से समान अधिकार, अवसर और सम्मान तक का सफर

locationश्री गंगानगरPublished: Dec 03, 2021 05:59:20 pm

Submitted by:

Krishan chauhan

पत्रिका एक्सक्लूसिव–कृष्ण चौहान…विश्व विकलांग दिवस पर विशेष..समावेशी शिक्षा:

समावेशी शिक्षा: सहानुभूति से समान अधिकार, अवसर और सम्मान तक का सफर

समावेशी शिक्षा: सहानुभूति से समान अधिकार, अवसर और सम्मान तक का सफर

विश्व विकलांग दिवस पर विशेष..समावेशी शिक्षा: सहानुभूति से समान अधिकार, अवसर और सम्मान तक का सफर

पत्रिका एक्सक्लूसिव–कृष्ण चौहान
श्रीगंगानगर. तीन दिसंबर का दिन अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर दिव्यांग व्यक्यिों को समर्पित है। जिसका मकसद सामान्य व्यक्तियों के राजनीतिक, वित्तीय, सामाजिक व सांस्कृतिक जीवन के हर पहलू में दिव्यांग व्यक्तियों की बराबर भागीदारी शामिल है। इस दिशा में केंद्र व राज्य का शिक्षा विभाग लगातार शिक्षा के माध्यम से दिव्यांगों के पुनर्वास के सतत प्रयास कर रहा है। उल्लेखनीय है कि केंद्र व राज्य का शिक्षा विभाग लगातार शिक्षा के माध्यम से दिव्यांगों के पुनर्वास और संबलन के अनवरत प्रयास कर रहा है। जिसके फलस्वरूप दिव्यांगों के लिए शिक्षा व्यवस्था ने एक नया स्वरूप हासिल किया है।
क्या रहा इतिहास-

वर्ष 1976 में संयुक्त राष्ट्र आमसभा की ओर से ‘विकलांगजनों के अन्तर्राष्ट्रीय वर्ष’ के रूप में मनाया गया और वर्ष 1992 से ‘विश्व विकलांग दिवस’ मनाने की विधिवत शुरुआत हुई। सामान्य रूप से दिव्यांगों के लिए आमजन में केवल सहानुभूति की भावना रहती थी परंतु बदलते कानूनों और सामाजिक परिवेश के चलते आज ये समान अधिकार, अवसर के साथ-साथ सम्मान के भी अधिकारी हो चुके हैं।
इ-कक्षा सीडब्ल्यूएसएन चैनल पर अपलोड हुए 592 विडियो
इस वर्ष कोरोना के प्रभाव को देखते हुए दिव्यांगों को घर बैठे शिक्षा उपलब्ध करवाने के उद्देश्य से शिक्षा विभाग ने मिशन समर्थ कार्यक्रम शुरू किया है। इसमें कक्षा एक से कक्षा 12 तक के विभिन्न विषयों की ऑनलाइन इ-कंटेंट विद्यार्थियों तक रोजाना पहुंचाए जा रहे हैं। अब तक इस चैनल पर पाठ्यक्रम के अनुसार 592 सांकेतिक भाषा के वीडियो अपलोड हो चुके हैं।
एप और डिजिटल प्लेटफॉर्म ने आसान की राह

1.मनी एप: आरबीआइ द्वारा लॉन्च किया गया यह एप नए नोटों को स्केन कर पूरी जानकारी वाईब्रेशन व ऑडियो माध्यम से उपलब्ध करवाता है।

2. आवाज: आवाज एप बोलने की दिव्यांगता वाले छात्रों के लिए एक चित्र-आधारित सॉफ्टवेयर एप है। यह एप तस्वीरों को शब्दों में परिवर्तित करता है।
3.रोशनी: आइआइएम के छात्रों द्वारा एक एप विकसित किया गया है जो इमेज प्रोसेसिंग और एनालिटिक्स का उपयोग करके पुराने और नए नोटों को पहचानने में मदद करता है।
4.जेएडब्ल्यूएस: यह एक कंप्यूटर स्क्रीन रीडर प्रोग्राम है, जो नेत्रहीन व दृष्टिबाधित उपयोगकर्ताओं को टेक्स्ट टू-स्पीच आउटपुट या रीफ्रेशेबल ब्रेल डिस्प्ले के साथ स्क्रीन पढऩे की अनुमति देता है।
5. गुड वाइब्स: यह एप बधिरांधता वाले विद्यार्थियों के लिए है। इसमें वाइब्रेशन और मोर्स कोड का इस्तेमाल किया जाता है।
6. आइइनएआइ :उन लोगों की मदद करने के लिए एक एप है जो नेत्रहीन या अल्प दृष्टि से बाधित है।
7. दिव्यांग सारथी: केन्द्र सरकार की ओर से संचालित इस एप पर विद्यार्थी खुद से जुड़ी से सरकारी योजनाओं, विभिन्न नियमों, दिशा निर्देशों, रोजगार संबंधी अवसर, छात्रवृत्ति व संस्थागत सहायता जैसी महत्वपूर्ण जानकारी प्राप्त कर रहे हैं।
8.बी माइ आइज: एक नि.शुल्क एप है जो दृष्टिबाधित लोगों को सामान्य दृष्टि वाले स्वयंसेवकों और कंपनी के प्रतिनिधियों के साथ जीवंत वीडियो कॉल के माध्यम से दृश्य सहायता की सुविधा मुहैया करवाता है।
9. सुगम्य पुस्तकालय: केंद्र सरकार द्वारा संचालित इस ई-पुस्तकालय पर दृष्टिबाधित और दिव्यांगों के लिए 672662 किताबें उपलब्ध हैं।
फैक्ट फाइल

दिव्यांगता की श्रेणियां- 21

राज्य में दिव्यांग विद्यार्थी-88.5 हजार
राज्य में मॉडल सन्दर्भ कक्ष- 33

जिले में संदर्भ कक्ष-9
जिले में विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी-3183

………..

आरपीडब्ल्यूडी एक्ट-2016 के तहत दिव्यांग विद्यार्थियों की सीमाओं और उनकी जरूरतों के लिए कई प्रकार की सुविधाएं प्रदान की गई है। मौजूदा दौर में ऑनलाइन हो या ऑफलाइन दोनों ही माध्यमों में सीडब्ल्यूएसएन विद्यार्थियों के लिए कंटेंट की उपलब्धता भी बढ़ी है।
-भूपेश शर्मा, समन्वयक, जिला दिव्यागंता प्रकोष्ठ, माध्यमिक शिक्षा, श्रीगंगानगर

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