—————— -ऐसे तैयार करेंगे बोलती पुस्तकें फिलहाल कैडेट को एनसीसी पाठ्यक्रम के साथ-साथ बोलती पुस्तकों को मोबाइल पर ही तैयार करना सिखाया जा रहा है। इसमें उच्चारण,आवाज की तीव्रता व गति,शाब्दिक बल,टोन,रेकॉर्डिंग समय और पिच आदि के साथ उच्चारित किए जाने वाले व छोड़े जाने वाले भाग की जानकारी भी दी जा रही है। एनसीसी कैडेट इसके लिए घर पर अलग से अभ्यास भी करते हैं।
—————— -विशेष शिक्षा में सहायक हैं ये उपकरण सीडब्ल्यूएसएन विद्यार्थियों की विशेष आवश्यकताओं को पूरा करने के लिए ब्रेल बुक, ब्रेलकिट,ब्रेलर,टेलर फ्रेम,अबेकस,केन,ज्योमेट्री किट,ऑडियो मीटर,लार्ज फॉन्ट,ऑडियो बुक व एम.आर. किट की प्रमुख आवश्यकता रहती है।
—————- -दृष्टिबाधित विद्यार्थियों को होंगे ये फायदे 1. नेत्रहीन विद्यार्थियों को अपने घर और स्कूल के आस-पास ही अॅडियो बुक नि:शुल्क और आसानी से मिलेगी। 2. श्रुतिलेखक/स्क्राइब की व्यवस्था के लिए विद्यार्थियों को भटकना नहीं पड़ेगा।
3. प्रतियोगी परीक्षा,नोट्स व महत्वपूर्ण बिंदुओं से जुड़ी ऑडियो किताबें भी रेकॉर्ड हो सकेंगी। 4. सॉफ्टकॉपी तैयार होने से राज्य में आरबीएसइ पाठ्यक्रम वाले सभी विद्यार्थियों के लिए उपयोगी रहेंगी। —————- फैक्ट फाइल
जिला स्तर का गणित
जिले में विशेष शिक्षक- 53
जिले में संदर्भ कक्ष-9 जिले में विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थी-2814
——— राज्य स्तर का गणित
राजकीय विद्यालयों में दिव्यांग विद्यार्थी- 88 हजार 500 राज्य में विशेष शिक्षक-2200
दिव्यांगता की श्रेणियां-21
कैडेट सेवा और सहयोग भावना से बोलती पुस्तकें तैयार करने के लिए प्रशिक्षण ले रहे हैं। इससे 11 वीं 12वीं के बच्चों की खुद की भी पढ़ाई साथ-साथ चलने से विद्यार्थियों को दोहरा लाभ मिलेगा।
-भूपेश शर्मा, समन्वयक,जिला दिव्यांगता प्रकोष्ठ,शिक्षा विभाग,श्रीगंगानगर