अधिकतर बेस एंबुलेंस में इन्वर्टर खराब हैं। इससे कई चिकित्सकीय उपकरण काम नहीं कर रहे। इससे अस्पताल लाए जाने वाले मरीजों के जीवन पर संकट बना रहता है। जिले में रामसिंहपुर, घड़साना और रावला में 108 एंबुलेंस की सुविधाएं निकटवर्ती मंडियों से उपलब्ध होती हैं। । डूंगरसिंहपुरा में स्टाफ के अभाव में एक बैस एंबुलेंस डेढ़ माह से पुलिस चौकी में खड़ी है। इस क्षेत्र में एंबुलेंस सेवा की मांग होने पर कैंचियां से एंबुलेंस भेजी जाती है। इस दौरान आधे से पौना घंटा लग जाता है। । धुंध की स्थिति में तो इससे अधिक भी समय लगता है। 108 एंबुलेंस की गाडिय़ों में इन्वर्टर की बैटरियां काम नहीं कर रही।
इससे नेबुलाइजर और सैक्शन मशीन काम नहीं करती। 104 और 108 एंबुलेंस के संचालन की जिम्मेदारी जीवीकेईएमआरआई पर है। इसके प्रतिनिधि जयपुर से ही इसका संचालन करते हैं। । चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग पर इसकी निगरानी करने का जिम्मा है। इस मामले में गुरुवार रात एक नागरिक ने जिला कलक्टर को शिकायत की। इस पर पिछले एक माह से कोतवाली में खड़ी एक नई एंबुलेंस को शनिवार सदर थाना क्षेत्र में लगाया गया। यह एंबुलेंस सादुलशहर से मंगवाकर सदर थाने में खड़ी की गई थी।
इनका कहना है
104, 108 बैस एंबुलेंस की समय-समय पर जांच की जाती है। जिले में इस समय 37 एंबुलेंस सेवाएं संचालित हैं। जिसमें महज 3 गाडिय़ां ऑफ रोड हैं। रावला, सादुलशहर और सदर थाना क्षेत्र के लिए जल्द ही एंबुलेंस गाडिय़ां उपलब्ध करवा दी जाएंगी।
-नरेश बंसल, सीएमएचओ, श्रीगंगानगर।