घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी की मात्रा बुधवार को भी पांच हजार क्यूसेक रहा। राइस बेल्ट के किसान अब रात्रि को भी खेतों में व्यस्तत हो गए हैं। वही घग्घर नदी ( ghagghar river ) बहाव क्षेत्र के सबसे नजदीक होने की वजह से सिंचाई विभाग के अधिकारी भी आरसीपी कॉलोनी के पास बने पक्के डोळे पर पैनी नजर रखे हुए हैं।
घग्घर बहाव क्षेत्र में सूरतगढ़ में पानी का प्रवेश 21 जुलाई को सूरतगढ़ हनुमानगढ़ मार्ग पर स्थित रेलवे ब्रिज के पास हुआ। सिंचाई विभाग ( irrigation department ) की आरसीपी कॉलोनी घग्घर बहाव क्षेत्र में प्रवाहित हो रहे पानी के सबसे नजदीक है। इस वजह सिंचाई विभाग के अधिकारी घग्घर बहाव क्षेत्र में प्रवाहित हो रहे पानी के लिए पक्के डोळे पर पैनी नजर रख रहे हैं। सिंचाई विभाग के सहायक अभियंता दिनेश कुमार खत्री ने बताया कि घग्घर बहाव क्षेत्र व आरसीपी कॉलोनी के बीच पहले कच्चा डोळा था, इस वजह से सदैव अनहोनी होने की आशंका रहती थी।
वर्ष 1998-99 में सिंचाई विभाग की ओर से कच्चे के स्थान पर पक्का डोळे का निर्माण करवाया। इस वजह से आरसीपी कॉलोनी को फिलहाल किसी तरह का खतरा नहीं है। इसके बावजूद विभाग के अधिकारी व कर्मचारी नियमित ( regularly ) रूप से डोळे का निरीक्षण ( observing ) कर रहे हैं।
-सूरतगढ़ के हिस्से करीब दस लाख का बजट
जीएफसी विभाग के अधिकारियों की माने तो घग्घर बहाव क्षेत्र के लिए मरम्मत व रखरखाव कार्य के लिए 25 से 30 लाख रुपए का बजट आता है। इसमें से सूरतगढ़ ( suratgarh news ) क्षेत्र को करीब दस लाख रुपए का बजट प्राप्त होता है। जीएफसी विभाग की कनिष्ठ अभियंता सीमा गोदारा ने बताया कि ओटू हैड से पानी की मात्रा कम हो गई है। क्षेत्र में डिप्रेशन 8 ए में पानी पहुंच चुका है। घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी श्रीबिजयनगर के पास तक पहुंच चुका है।
जीएफसी विभाग के अधिकारियों की माने तो घग्घर बहाव क्षेत्र के लिए मरम्मत व रखरखाव कार्य के लिए 25 से 30 लाख रुपए का बजट आता है। इसमें से सूरतगढ़ ( suratgarh news ) क्षेत्र को करीब दस लाख रुपए का बजट प्राप्त होता है। जीएफसी विभाग की कनिष्ठ अभियंता सीमा गोदारा ने बताया कि ओटू हैड से पानी की मात्रा कम हो गई है। क्षेत्र में डिप्रेशन 8 ए में पानी पहुंच चुका है। घग्घर बहाव क्षेत्र में पानी श्रीबिजयनगर के पास तक पहुंच चुका है।
खेतों में बढ़ी किसानों की व्यस्तता वर्तमान में पानी की मात्रा को लेकर राइस बेल्ट के किसान खुश नजर आ रहे हैं। खेतों में किसानों की व्यस्तता बढ़ गई है। किसान अब दिन के साथ साथ रात्रि के समय में भी खेतों की निगरानी रख रहे हैं। किसानों का कहना है कि बड़े इंतजार के बाद नाली में पानी आया है। इस पानी से धान की फसल को फायदा होगा। पानी की मात्रा अधिक होने की वजह से खेत बिजान कार्य पर भी नजर रखी जा रही है।