जिला मुख्यालय पर सरकारी मेडिकल कॉलेज के अलावा सीवरेज के त्वरित और गुणवत्तापूर्ण काम को आवश्यक बताया गया। नहरों को इलाके की जीवनदायिनी बताते हुए इनके जीर्णोद्धार, जरूरत के हिसाब से पर्याप्त सिंचाई जल की उपलब्धता सुनिश्चित करने तथा पंजाब से हो रहा प्रदूषण रोकने की मांग की गई।
किसान का सारा माल न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीदने, भावान्तर योजना लागू करने, सभी कृषि जिन्सों की सरकारी खरीद में आढ़त देने, गेहूं में पंजाब-हरियाणा पैटर्न, कृषि आधारित उद्योग लगाने, महिलाओं की सुरक्षा बढ़ाने, अपराधों पर अंकुश लगाने की बात कही गई।
क्षेत्र में कृषि विश्वविद्यालय एवं खाद का कारखाना खोलने, पर्यटन को बढ़ावा देने, रेल सेवाओं में विस्तार, रेलों के माध्यम से माल ढोने की व्यवस्था बढ़ाने, अतिक्रमण हटाने के बाद सडक़ों की सुध लेने आदि की जरूरत भी बताई गई।
ट्रेडर्स एसोसिएशन के सचिव विनय जिन्दल, पूर्व अध्यक्ष रामगोपाल पाण्डुसरिया, पूर्व सचिव श्याम आहूजा, महावीर इन्टरनेशनल के अध्यक्ष चंद्रेश जैन, एडवोकेट रणजीत सारडीवाल, शिक्षाविद् डॉ.रामप्रकाश शर्मा, रोटरी सिटी के अध्यक्ष रायसिंह कुल्डिया, श्रीगोशाला के महामंत्री सुशील बंसल, जैन सभा के पूर्व अध्यक्ष कमलकान्त कोचर, लायन्स क्लब के पूर्व अध्यक्ष राजकुमार बंसल, कच्चा आढ़तिया संघ के महामंत्री अशोक छाबड़ा, वरिष्ठ उपाध्यक्ष राधेश्याम मित्तल, व्यवसायी सुभाषचंद्र लालगढिया, राजेंद्र सिंगल, दशर्न सिंह, रवि सिडाना, हरभजन सिंह, साहबराम मांझू, सेवानिवृत्त कर्मचारी चिमनलाल मिड्ढा, संजय बतरा, सुरेंद्र धारणियां ने मीटिंग में भाग लिया।