अल सुबह हुई शुरुआत पर्व की शुरुआत अल सुबह ही हो गई। घरों में सुबह चार बजे से रौनक नजर आने लगी। अधिकांश परिवारों में सास तथा घर की अन्य बुजुर्ग महिलाओं ने बहुओं को सरगी दी। अधिकांश महिलाओं ने सुबह चाय दूध के साथ सरगी का प्रसाद ग्रहण किया और इसके बाद पूरे दिन निराहार रहीं।
दोपहर में कथा का जोर इस बीच दोपहर में कथा का जोर रहा। महिलाएं मंदिरों में एकत्र हुई तथा कथा की। शहर के एल ब्लॉक स्थित हनुमान मंदिर तथा ब्रह्मकॉलोनी के हनुमान धाम मंदिर सहित कई मंदिरों में आयोजन हुए। मंदिरों में महिलाएं एकत्र हुई। उन्होंने खाद्य पदार्थों और फलों का दान किया।
चांद निकला तो खिले चेहरे रात को जैसे ही आसमां में चांद दिखा तो जैसे महिलाओं के चेहरे खिल उठे। पूजन सामग्री ले वे पति सहित छत पर पहुंची और दीपक की रोशनी में छलनी की ओट में चांद के साथ प्रियतम का दीदार किया। इसके बाद पति के हाथ से पानी पीकर व्रत का पारणा किया गया।