जैसे ही किसानों को नहर टूटने का पता चला केडी नहर के किसान इस और दौड़ पड़े। और नहरी विभाग के अधिकारियों को इस बाबत अवगत कराया। किसान सुभाष जाखड़ ने बताया कि सुबह 4 बजे के करीब नहर के टूटने का समाचार अन्य किसान (
farmers ) ने दिया। मौके पर जब तक पहुंचा तो इस नहर में 15 से 20 फुट का कटाव आ चुका था। इस पर नहरी विभाग के अधिकारियों को सूचित किया जो तुरंत ही मौके पर पहुंच गए।
जिस पर चार जेसीबी व कई ट्रैक्टरों की मदद से किसान इस नहर को पाटने में लगे रहे। 5 से 6 घंटों की मशक्कत के बाद इस नहर को बांध दिया गया। चक तीन केडी के किसान राजकुमार धत्तरवाल ने बताया कि इस पानी (
water ) के कारण यहां के लगभग 5 से 7 मुरब्बा फसल (
crop ) जो कि बिल्कुल चौपट हो गई है। और इसी के साथ किसानों की पानी की बारिया भी पिट गई।
किसान हनुमान गोदारा, सतपाल खीचड़, ओम प्रकाश, बुधराम खीचड़, घड़सीराम शर्मा, मनफूल शर्मा, देवीलाल धारणीय, ने चौपट हुई फसल के मुआवज़े की मांग प्रशासन से की है। व पिटी पानी की बारी की भरपाई की मांग की। जिससे इन किसानों की फसल बच सकें। पिछले काफी समय से बरसात ना होने के कारण व आंधी ज्यादा चलने के कारण नरमे की व अन्य फसलें पानी के अभाव में सूख रही है।