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जन्मजात विकृतियां रोकेगा खसरा-रूबेला टीका

locationश्री गंगानगरPublished: Jun 12, 2019 11:33:15 am

Submitted by:

Krishan chauhan

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 Khasra-Rubella

जन्मजात विकृतियां रोकेगा खसरा-रूबेला टीका

जन्मजात विकृतियां रोकेगा खसरा-रूबेला टीका

-जिले के छह लाख से अधिक नौ माह से 15 वर्ष तक के बच्चों को लगेंगे खसरा-रूबेला के इंजेक्शन

श्रीगंगानगर. जन्मजात विकृतियां रोकने के लिए खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान चलेगा। इस अभियान में जिले के छह लाख से अधिक नौ माह से 15 वर्ष तक के बच्चों के खसरा-रूबेला के इंजेक्शन लगाए जाएंगे। श्रीगंगानगर सहित प्रदेश सहित में 22 जुलाई से खसरा-रूबेला टीकाकरण अभियान प्रारंभ होगा। टीकाकरण अभियान स्कूलों व आंगनबाड़ी केंद्रों पर आयोजित किया जाएगा।
नौ से 15 माह के बच्चों के लगाया जाएगा टीका
मोबाइल टीमों के जरिए भी टीकाकरण होगा। इस दौरान नौ माह से 15 वर्ष की आयु वर्ग तक के बच्चों को गंभीर बीमारियों से बचाने के लिए खसरा-रूबेला के टीके लगाए जाएंगे। यह टीका खसरा-रूबेला रोगों से बचाव का सशक्त तरीका है। खसरा एवं रूबेला रोग के टीका लगाने से इसके प्रसार एवं खतरों को रोका जा सकता है। इसी उद्देश्य से प्रदेश के नौ माह से 15 वर्ष तक की आयु के करीब ढाई करोड़ बच्चों जिनमें श्रीगंगानगर के करीब छह लाख बच्चों को टीके लगाने के लिए खसरा-रूबेला अभियान प्रारम्भ किया जा रहा है।
अतिरिक्त डोज के टीका के रू प में लगया जाएगा

खसरा एक जानलेवा एवं तीव्र गति से फैलने वाला खतरनाक संक्रामक रोग है। यह रोग प्रभावित रोगी के खांसने व छींकने से फैलता है। इसके प्रभाव से बच्चों में निमोनिया, दस्त एवं मस्तिष्क में संक्रमण जैसी घातक बीमारियों का खतरा बना रहता है। यह रोग नवजात शिशुओं एवं बच्चों की मृत्यु का एक प्रमुख कारण भी है। हालांकि विभाग की ओर से वर्तमान में खसरा के नि:शुल्क टीके नियमित टीकाकरण अभियान के तहत लगाए जा रहे हैं लेकिन यह अतिरिक्त डोज के रूप में टीका लगाया जाएगा।
शिशु में जन्मजात भी हो सकता है रूबेला

गर्भावस्था के आरम्भ से ही महिला को रूबेला का संक्रमण होने की संभावना बनी रहती है। इससे शिशु में जन्मजात रूबेला सिन्ड्रोम हो सकता है। इसके कारण शिशु में अंधापन, बहरापन, मानसिक विमंदता एवं दिल की बीमारी हो सकती है। रूबेला संक्रमण से गर्भवती महिला में गर्भपात एवं मृत शिशु जन्म की संभावना भी बढ़ जाती है। यही वजह है कि इन बीमारियों पर पूर्णत काबू पाने के लिए टीकाकरण अभियान प्रारंभ किया जा रहा है।

राष्ट्रीय अभियान खसरा-रूबेला इंजेक्शन को सभी संबंधित विभाग आपसी समन्वय व बेहतर तालमेल के साथ सफल बनाएं और लक्ष्य तय करें कि कोई भी बच्चा टीकाकरण से वंचित न रहे। अभियान के प्रति किसी भी तरह की लापरवाही बर्दाश्त नहीं होगी। ये निर्देश जिला कलेक्टर शिवप्रसाद मदन नकाते ने मंगलवार को जिला परिषद सभागार में आयोजित एमआर (मिजल्स-रूबेला) की जिला टास्क फॉर्स कमेटी की बैठक में विभागाधिकारियों व चिकित्सा अधिकारियों को दिए। इसमें सीईओ सौरभ स्वामी, सीएमएचओ डॉ.नरेश बंसल,आरसीएचओ डॉ.अजय सिंगला व डिप्टी सीएमएचओ डॉ. करण आर्य सहित आईसीडीएस,शिक्षा विभाग आदि के अधिकारी,जनप्रतिनिधि व बीसीएमओ आदि मौजूद रहे। वहीं डब्लयूएचओ प्रतिनिधि ने पीपीटी के माध्यम से अभियान की जानकारी दी।
– किसके लगेगा टीका- नौ से 15 वर्ष के बच्चों के
-जिले में खसरा-रूबेला के टीके लगाए जाएंगे-6 लाख
-प्रदेश में खसरा-रूबेला के टीके लगाए जाएंगे-ढाई करोड़

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बच्चों में जन्मजात विकृति रोकने का उक्त टीका सुरक्षित उपाय है। जिले के छह लाख से अधिक नौ माह से 15 वर्ष तक के बच्चों के खसरा-रूबेला के इंजेक्शन लगाने के लिए 22 जुलाई से अभियान चलाया जाएगा। इसकी तैयारियां की जा रही है।
-डॉ. अजय सिंगला, जिला प्रजनन एवं शिशु स्वास्थ्य अधिकारी (आरसीएचओ) श्रीगंगानगर।

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