लड्डू गोपाल के साथ ही उनकी नई ड्रेस, गहने आदि पर लोगों ने इस बार खूब खर्चा किया है। यहां के लोगों में पिछले करीब तीन-चार साल से कृष्ण के प्रति भक्ति भाव में इजाफा देखने में आया है। हर साल करीब दस हजार घरों में लोगों की ओर से लड्डू गोपाल स्थापित किए जा रहे हैं। लड्डू गोपाल का कारोबार इस सीजन में ही करीब तीन करोड़ रुपए पार कर गया है।
लड्डू गोपाल व ड्रेस आदि के थोक विक्रेता अजय डोडा बताते हैं कि यहां करीब तीन-चार साल से लड्डू गोपाल के कारोबार में तेजी आई है। जिससे लगता है कि लोगों का कृष्ण भगवान के प्रति भक्ति भाव बढ़ा है। एक अनुमान के आधार देखा जाए तो इस सीजन में यहां से करीब पंद्रह हजार लड्डू गोपाल घरों में स्थापित हुए हैं।
शहर में करीब एक दर्जन से अधिक बड़े काउंटर है, जहां लड्डू गोपाल का कारोबार होता है। इस सीजन में तकरीबन दो से तीन करोड़ रुपए का कारोबार लड्डू गोपाल का हुआ है। इसके अलावा ड्रेस व गहनों के भी पांच से दस काउंटर है। एक अनुमान के अनुसार इसमें भी करीब एक करोड़ रुपए तक का कारोबार हुआ है। आने वाले समय में लड्डू गोपाल को स्थापित करने वालों की संख्या काफी हो जाएगी।
खूब बिकी कान्हा की एक से बढकऱ एक पोशाकें व गहने
श्रीकृष्ण जन्माष्टमी पर नटखट कान्हा का जन्म दिन है तो भक्त भी उन्हें बच्चों की तरह दुलार रहे हैं उनके लिए पालने लाए गए हैं । उनके बिछौने, पंखे, कूलर आदि बदले गए हैं। जयपुरी लकड़ी के शानदार पालने बनवाए गए हैं और इसके साथ ही खूबसूरत पौशाकें उन्हें पहनाई गई है । उनके परम्परागत कपड़ों के स्थान पर उनके लिए बेबी सूट बनाए गए हैं। उनके लिए धोती-कुर्ता, शेरवानी आदि तैयार किए गए हैं।
विशेष रूप से मुम्बई, कोलकाता, वृंदावन और सूरत आदि से कपड़े मंगवाए गए हैं। कान्हा की पोशाकों के विके्रता जतिन गोयल बताते हैं कि अब कान्हा की पोशाकों को मॉडर्न लुक दिया गया है। उनके लिए बेबी सूट, शेरवानी, धोती, कुर्ता, पायजामा आदि तैयार करवाए गए हैं। श्रद्धालुओं की आवश्यकता के अनुरूप उन्हें इस तरह के वस्त्र उपलब्ध करवाए जा रहे हैं।ज्वैलरी भी विशेषगोयल बताते हैं कि इसके साथ ही कान्हा के लिए गहने भी विशेष रूप से तैयार किए गए हैं। उनके कपड़ों से मिलते जुलते गहनों से उन्हें सजाया जाएगा।