रेलवे स्टेशन पर नया ओवरब्रिज दिव्यांग, वरिष्ठ नागरिक और महिलाओं के लिए राहत के स्थान पर परेशानी का कारण बना हुआ है। इस ओवरब्रिज को पार करना नौजवानों के लिए भी आसान नहीं। सीढिय़ां अधिक होने के कारण आम यात्री ब्रिज से जाने की बजाए रेल पटरियों को पार कर प्लेट फार्म नं. 2 और 3 पर पहुंचना सुविधाजनक मानते हैं। इससे दुर्घटना होने का अंदेशा रहता है। कई बार तो देखते-देखते यात्रियों की रेल छूट जाती है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर बना यह ओवरब्रिज प्लेटफार्म नंबर 2 और 3 को जोड़ता है।
1 नंबर से 3 नंबर प्लेटफार्म पर जाने वाले वरिष्ठ नागरिकों, दिव्यांगों को परेशानी का सामना करना पड़ता है। पुल पर चढ़ते समय बुजुर्गों की बात तो छोडि़ए, युवाओं का भी दम फूल जाता है। ओवरब्रिज पर चढऩे के लिए लगभग 90 सीढिय़ां हैं। इस पर सामान लेकर चढऩा दुविधाजनक है। प्लेटफार्म नंबर 2 पर हनुमानगढ़ और प्लेटफार्म नंबर 3 पर पंजाब की ओर जाने वाली पैसेंजर गाडिय़ां खड़ी होती हैं। कई बार तो इतना कम समय होता है कि 1 नंबर प्लेटफार्म से 2 नंबर प्लेटफार्म पर जाते-जाते सवारी गाडिय़ां निकल चुकी होती है। दिव्यांगों के लिए प्लेटफार्म के दोनों तरफ अंतिम छोर पर रैम्प बनाया हुआ है, लेकिन उस रैंप का प्रयोग कोई नहीं करता। ओवरब्रिज पर चढऩे के लिए लगभग 90 सीढिय़ां हैं।
उपलब्ध है व्हील चेयर
स्टेशन अधीक्षक डीके त्यागी का कहना है कि दिव्यांगों के लिए स्टेशन पर व्हील चेयर की सुविधा है। कोई भी दिव्यांग अपनी आईडी देकर इसे ले जा सकता है। उसे यह व्हीलचेयर दूसरे प्लेटफार्म पर सवारी गाड़ी में चढ़ते समय छोडऩी होती है, लेकिन हकीकत यह है कि कोई भी दिव्यांग इस व्हीलचेयर के लिए मशक्कत नहीं करता। इससे दुर्घटना होने का अंदेशा रहता है। कई बार तो देखते-देखते यात्रियों की रेल छूट जाती है। रेलवे स्टेशन के प्लेटफार्म नंबर 1 पर बना यह ओवरब्रिज प्लेटफार्म नंबर 2 और 3 को जोड़ता है।