scriptLaddu Gopal's rakhis craze among sisters | बहनों में लड्डू गोपाल की रा​खियों का क्रेज | Patrika News

बहनों में लड्डू गोपाल की रा​खियों का क्रेज

locationश्री गंगानगरPublished: Aug 27, 2023 12:06:12 am

Submitted by:

surender ojha

Laddu Gopal's rakhis craze among sisters- बाजार में राखियों की जमकर हुई खरीददारी

बहनों में लड्डू गोपाल की रा​खियों का क्रेज
बहनों में लड्डू गोपाल की रा​खियों का क्रेज
श्रीगंगानगर. भाई-बहन के स्नेह का पर्व रक्षाबंधन आने में कुछ दिन रह गए हैं। बाजारों में रक्षाबंधन को लेकर रौनक शुरू हो गई है। दुकानों में रंग-बिरंगी राखियां सज चुकी हैं। दुकानों पर भी इस बार खास तरह की राखियों की वैरायटी आई हैं। फिलहाल दुकानों में वे बहनें अधिक शॉपिंग कर रहीं हैं, जिनके भाई बाहर रहते हैं और उन्हें उनके पास राखियां भेजनी हैं। राखियों की स्टाइल व लुक में भी बदलाव आने लगे हैं। बाजार में इस बार आई राखियों में कई नई डिजाइनों की हैं। इनमें देवी-देवताओं की मूर्ति लगी राखियां ज्यादा पसंद की जा रही हैं। ऑनलाइन के इस जमाने में डाक से अपने भाई को राखियां भिजवाने का क्रेज अब तक बरकरार हैं। कोरियर संचालक धीरेन्द्र सिंह का कहना है कि देश के विभिन्न कोनों के साथ साथ विदेशों तक राखियां भिजवाई गई हैं। कनाडा, नेपाल तक राखियों को भिजवाने के लिए महिलाओं ने डाक दी हैं। इन राखियों की कीमत महज पांच सौ रुपए तक है लेकिन डाक से गंतव्य स्थल तक भिजवाने के लिए करीब दो हजार रुपए तक खर्चा कर रही हैं।
पहले राखी पर मेरे भैया लिखा होता था। अब मेरे भैया की जगह माय-ब्रो ने ले ली है। युवा पीढ़ी इन्हें खूब पसंद कर रही हैं। हालांकि पारंपरिक राखियों का क्रेज अभी भी बरकरार है। बड़ी उम्र की बहनें अपने उम्रदराज भाइयों के लिए आज भी वही पारंपरिक रेशमी धागे की राखियों को पंसद करती है। बहन अपने भाई के पास रक्षा बंधन पर नहीं आ सकती है तो ऑनलाइन राखियां बुकिंग की जा रही हैं। संबंधित दुकान या शोरूम पर ऑनलाइन राखियां पसंद कर संबंधित भाई के घर पर यह राखियां भिजवाई जाती हैं। पेमेंट भी ऑनलाइन सिस्टम का प्रावधान किया गया हैं।
राखी विक्रेता विपिन की मानें तो भगवान शिव, श्रीराम, लड्डू गोपाल, गाय के साथ श्रीकृष्ण, मोर पंख, स्वास्तिक, डमरू समेत अनेक देवी-देवताओं वाली राखियां, माय-ब्रो लिखी राखी, ब्रेसलेट, घड़ीवाली राखी, कड़ोंवाली राखी, लूमा आदि का बाजार में ज्यादा क्रेज है। सबसे ज्यादा लडडू गोपाल के लिए राखियों की बिक्री हो रही हैं। ज्यादातर महिलाएं लडडू गोपाल को अपना ईष्ट देव मानकर उसे राखी से सजाने और अपनी भाभियों और सहेलियों को भी ऐसी राखियां भिजवाने में ज्यादा रुचि दिखा रही हैं।
इस बीच, श्रावण मास की पूर्णिमा पर भाई-बहन के स्नेह का त्योहार रक्षाबंधन मनाया जाता है। इस बार 30 व 31 अगस्त को यह पर्व मनाया जाएगा। इस बार रक्षाबंधन पर दिनभर भ्रदा का साया रहेगा, ऐसे में दिन के बजाय रात में ही राखी बांधने का समय मिल पाएगा। पंडित शिवदयाल शास्त्री के अनुसार इस वर्ष पूर्णिमा तिथि 30 अगस्त को प्रारंभ हो रही है और उस दिन रात 9 बजे तक है, वहीं पंचक पूर्णिमा तिथि से पूर्व लग रहा है और अगले दिन प्रात:काल तक रहेगा। पंचांग के अनुसार, रक्षाबंधन 30 अगस्त को मनाया जाएगा। इस दिन सुबह 10 बजकर 58 मिनट से भद्रा लग जाएगी, जो रात 9.03 बजे तक रहेगी। इसके बाद राखी बांधी जा सकेगी। वहीं, अगले दिन 31 अगस्त को श्रावण पूर्णिमा सुबह 07 बजकर 07 मिनट तक रहेगी। ऐसे में इस समय तक भी राखी बांधी जा सकेगी।
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