हम बात कर रहे हैं अग्रसेन नगर के अंतिम छोर पर विकसित किए गए श्रीगंगानगर को-ऑपरेटिव इंडस्ट्रीयल एस्टेट की। यह मार्केट न तो नगर परिषद के क्षेत्र में है और नहीं यूआईटी। इसे 1981 में तत्कालीन जिला कलक्टर ने बनाने की अनुमति दी थी। बताया जाता है मार्केट में सुविधा क्षेत्र में भी दुकानें कट चुकी है।
20 से 150 वाट तक की लगाई एलईडी इस मार्केट में 20 से लेकर 150 वाट की करीब 100 एलईडी लाइट्स लगा दी गई। सात साल की गारंटी वाली ये लाइटें काफी महंगी है। कारण कि इनके रखरखाव का जिम्मा भी संबंधित कंपनी ने लिया है। 120 और उससे अधिक वाट की लाइटें 7 हजार रुपए से अधिक कीमत की बताई गई।
परिषद ने लगवाई थी लाइटें मार्केट में नगर परिषद ने ही लाइटें लगवाई थी। अब इनमें से कई खराब भी हो चुकी है परन्तु ठीक करवाने का प्रयास कोई नहीं कर रहा। इससे रात में चोरी का भय रहता है।
-सतीश कुमार, मुनीम, इंडस्ट्रीयल एरिया परिषद-यूआईटी की सीमा से बाहर है मार्केट इंडस्ट्रीयल एरिया नगर परिषद और यूआईटी एरिया से बाहर है। ईओन कंपनी ने नियमों को ताक पर रखकर इस मार्केट में एलईडी लाइटें लगवाई। जबकि इन्हें शहरी क्षेत्र में ही लगाना था।
-मीना सोनी, पार्षद, वार्ड 34 अनुमति मिलने पर ही लगाई लाइटें उन्होंने स्थानीय निकाय विभाग से अनुमति मिलने पर ही लाइटें लगाई हैं। जहां लाइटें खराब होने की सूचना मिलती है बदला भी जाता है। यूआईटी एरिया में वायरिंग का काम उनका ही है।
-अरुण सिंह, प्रभारी, ईओन
-अरुण सिंह, प्रभारी, ईओन
मैंने 3 माह पहले ही संभाला चार्ज मैंने तीन महीने पहले ही चार्ज संभाला है। एलईडी लाइट्स यूएलबी (अर्बन लोकल बॉडी) एरिया में लगाने के आदेश थे। पूरे मामले की जानकारी तो तत्कालीन अधिकारी ही दे सकते हैं।
-सुखपाल कौर, सहायक अभियंता (विद्युत), श्रीगंगानगर