इन पार्षदों ने एक सप्ताह में इस प्रकरण की जांच की प्रक्रिया पूरी नहीं होने पर एसीबी कोर्ट में केस दायर करने की चेतावनी दी है। हिसार की फर्म शिवा सिक्योरिटी एण्ड प्लेसमेन्ट सर्विस की निविदा अस्वीकार होने के बावजूद उसे अनुचित तरीके से लाभ पहुंचाकर पद का दुरुपयोग कर राजकोष की हानि पहुंचाने की इस शिकायत में बताया कि नगर परिषद प्रशासन ने १७ सितम्बर २०१९ को 2.27 करोड़ रुपए का सफाई ठेका किया गया था जिसमें 250 सफाई श्रमिक और शहर के शौचालयों को साफ करने के लिए जेटिंग मशीन उपलब्ध करवाना था।
नगर परिषद में 740 में से 648 स्थायी सफाई कार्मिक कार्यरत है, इसके अलवा ९२ पद रिक्त है। फिर भी नगर परिषद ने 250 अस्थाई सफाई कर्मिकों का टैण्डर किया। इस कार्य के लिए किए गए टैण्डर प्रक्रिया में भी घालमेल हुआ। टैण्डर खुलने के बाद चार फर्मो में से दो निविदाएं कमी के कारण अस्वीकार हो गई।
जबकि मैसर्स शिवा सिक्योरिटी एण्ड प्लेसमेन्ट सविज़्स ने अंतर राशि का डीडी प्रस्तुत नहीं किया तो तत्कालीन आयुक्त ने इस निविदा को अस्वीकार कर द्वितीय फर्म डिंग मैन पावर एण्ड सिक्योरिटी सर्विस लिमिटेड सिरसा को स्वीकार पत्र डीएलबी निदेशक को वर्क ऑर्डर के लिए भिजवा दिया।
लेकिन डीएलबी के तत्कालीन निदेशक उज्जवल सिंह राठौड़ ने आरटीपीटी अधिनियम की अनदेखी कर अस्वीकार की गई फर्म शिवा सिक्योरिटी एण्ड प्लेसमेन्ट सर्विस को कम दरों का हवाला देते हुए इस अस्वीकृत फर्म का ठेका अधिकृत कर दिया।
पार्षदों की ओर से दी गई शिकायत में दावा किया कि ठेकेदार ने दिसम्बर 2019 में 423 श्रमिकों का भुगतान उठाया। वहीं वर्ष २०२० की जनवरी में 323 श्रमिक, फरवरी में 352 श्रमिक, मार्च में 353 श्रमिक के नाम पर बजट उठाया गया।
जबकि अप्रेल से लेकर जुलाई तक लॉक डाऊन था फिर भी अस्थायी औसतन पांच सौ कार्मिक से सफाई कार्य के एवज में भुगतान उठाव का सिलसिला चलता रहा। शिकायत के अनुसार वर्ष २०२० अपै्रल में 531 श्रमिक, मई में 563 श्रमिक, जून में 575 श्रमिक, जुलाई में 605 श्रमिक, अगस्त में 575 श्रमिक और सितम्बर में 597 श्रमिकों का भुगतान उठाया गया।