लेकिन इस बार ऐसा होता नजर नहीं आ रहा। जहां एक ओर सभापति अजय चांडक मुख्य समारोह में रावण दहन के लिए स्वरूप दोनों में किसी एक रामलीला से लेने का दावा कर रहे हैं और इसके लिए लॉटरी निकालने की बात कह रहे हैं वहीं गोपीराम गोयल की बगीची में श्री सनातनधर्म रामलीला कमेटी की ओर से हो रही रामलीला के आयोजक इसे सिरे से खारिज कर रहे हैं। उनका कहना है कि नगर परिषद की ओर से रामलीला मैदान में होने वाले मुख्य आयोजन में भगवान राम और अन्य स्वरूप उनकी रामलीला से ही लिए जाएंगे, और इसके लिए सभापति के साथ उनकी बैठक भी हुई है और उन्होंने उन्हें आश्वासन भी दे दिया है।
यूं शुरू हुआ विवाद
इस विवाद की शुरुआत पिछले वर्ष रामलीला मैदान में हुए दशहरा उत्सव से हुई। गत वर्ष हुए आयोजन में शहर के गणमान्य लोग आए लेकिन सभापति अजय चांडक को याद नहीं किया गया। ऐसे में सभापति ने इस बार पूरा आयोजन ही नगर परिषद की ओर से करवाने की बात कह दी। करीब दो माह पहले शहर के रामलीला मैदान में वर्षों से यह आयोजन करवा रहे श्री सनातनधर्म महावीर दल मंदिर ने मैदान के लिए आवेदन तो कर दिया लेकिन सभापति ने इस पर अंतिम निर्णय दशहरे से दस दिन पहले करने की बात कहते हुए मंदिर समिति के दल को लौटा दिया ।
हम चाहते हैं सारा शहर एक रहे। जहां तक रावण दहन के लिए भगवान राम के स्वरूप लेने की बात है तो इसमें रामलीला मैदान और सेठ गोपीराम गोयल की बगीची दोनों जगह ही रामलीला हो रही है। हम इनमें से लॉटरी निकाल लेंगे। जिसके नाम लॉटरी निकलेगी उसी का स्वरूप हम रामलीला मैदान में रावण दहन के लिए ले आएंगे। नगर परिषद की ओर से होने वाले इस आयोजन में हम कन्याओं को साइकिल वितरण तथा कन्या भ्रूण हत्या का पुतला जलाने के आयोजन भी करेंगे।
अजय चांडक, सभापति, नगर परिषद
हमारी सभापति अजय चांडक से बात हुई है, उनके साथ हुई बैठक में हमारे यहां की रामलीला के भगवान राम तथा अन्य स्वरूप को ही रामलीला मैदान में ले जाने की बात तय हुई है। मौखिक रूप से उन्होंने हमें आश्वासन दे दिया है। इस संबंध में सोमवार को पत्र भी जारी कर दिया जाएगा।
शरद जसूजा,
प्रवक्ता, श्री सनातनधर्म रामलीला कमेटी (गोपीराम गोयल की बगीची में रामलीला के आयोजक)
अजय चांडक, सभापति, नगर परिषद
हमारी सभापति अजय चांडक से बात हुई है, उनके साथ हुई बैठक में हमारे यहां की रामलीला के भगवान राम तथा अन्य स्वरूप को ही रामलीला मैदान में ले जाने की बात तय हुई है। मौखिक रूप से उन्होंने हमें आश्वासन दे दिया है। इस संबंध में सोमवार को पत्र भी जारी कर दिया जाएगा।
शरद जसूजा,
प्रवक्ता, श्री सनातनधर्म रामलीला कमेटी (गोपीराम गोयल की बगीची में रामलीला के आयोजक)
दस दिन पहले ही होगा निर्णय
&मंदिर पदाधिकारियों का दल सात जुलाई को सभापति से मिला। उन्हें कार्यक्रम के लिए आमंत्रित करते हुए इस वर्ष के आयोजन के लिए रामलीला मैदान के आवंटन की मांग की थी। इस पर सभापति ने दशहरे से दस दिन पहले इस बारे में निर्णय करने की बात कही थी।
सीताराम शेरेवाला, कोषाध्यक्ष, श्री सनातनधर्म महावीर दल मंदिर
पहल हमारी होनी चाहिए
वैसे तो हम शहर में एकता के पक्षधर हैं, लेकिन जहां हमारा क्लब रामलीला करवाता है, वह रामलीला मैदान है और उस मैदान में होने वाले दशहरा उत्सव में नियमानुसार तो रावण का वध भी हमारी रामलीला का भगवान राम के स्वरूप को ही करना चाहिए। देखते हैं इस बारे में अंतिम रूप से क्या निर्णय होता है।
टीकमचंद गर्ग, उपप्रधान, श्री हनुमान राम नाटक क्लब (रामलीला मैदान में रामलीला के आयोजक)