SriGanganagar शारदीय नवरात्र पर गूंजेंगे महामाई के जयकारे
श्री गंगानगरPublished: Sep 25, 2022 08:04:50 pm
Mahamayi’s cheers will resonate on Shardiya Navratri-मांगलिक कार्यो का भी आगाज, नए प्रतिष्ठान और आवासों का होगा शुभमुहूर्त
SriGanganagar शारदीय नवरात्र पर गूंजेंगे महामाई के जयकारे
श्रीगंगानगर। शक्ति की उपासना का पर्व शारदीय नवरात्र सोमवार से प्रारंभ होंगे। घरों व मंदिरों में घट स्थापना के साथ नौ दिवसीय देवी पूजन-अनुष्ठान की शुरुआत होगी। दुर्गा सप्तशती पाठ, देवी पाठ, देवी मंत्रों का जाप होगा। नवरात्र से मांगलिक कार्यो की शुरूआत होगी। वहीं नए व्यापारिक प्रतिष्ठान और आवासों का शुभ मुहूर्त भी होगा। नवरात्र को लेकर शहर के देवी मंदिर सज गए हैं।
नवरात्र के दौरान बड़ी संख्या में आने वाले दर्शनार्थियों को देखते हुए मंदिर समितियों व श्रद्धालुओं की ओर से व्यापक व्यवस्थाएं की गई हैं।
जिला मुख्यालय पर मुकर्जीनगर में दुर्गा मंदिर में विशेष महोत्सव मनाया जाएगा। दुर्गा मंदिर मार्केट में दुकानें भी विशेष रूप से सजाई गई है। महिलाओं को खरीददारी करने के लिए दुकानदारों ने नई नई वैरायटियां दुकानों पर उपलब्ध कराई है। इसके अलावा जवाहरनगर, इंदिरा कॉलोनी, सेतिया कॉलोनी, पुरानी आबादी, एल ब्लॉक िस्थत मंदिरों में महामाई को रिझाने के लिए वहां घट स्थापना भी की जाएगी।
पहले नवरात्र पर घरों में स्थापित देवी प्रतिमाओं का तेल, घी,सिंदूर, रोली मोली आदि पूजन सामग्री से पूजन कर नौ दिवसीय व्रत-अनुष्ठान की शुरुआत की जाएगी। नवरात्र में तीन अक्टूबर को महाअष्टमी, चार अक्टूबर को महानवमी पर्व मनाया जाएगा। नवरात्र की पूर्णाहुति पर कन्या पूजन के आयोजन होंगे।
नवरात्र के दौरान इलाके में विभिन्न सामाजिक संगठनों ने महिलालों और बालिकाओं के लिए विशेष रूप से डांडिया कार्यक्रमों का आयोजन भी किया है।
डांडिया उत्सव का क्रेज पिछले पांच सालों से अधिक होने लगा है। कोरोनाकाल के दो साल बाद इस बार पूर्णतया छूट होने से डांडिया कार्यक्रमों के आयोजन की संख्या बढ गई है। गली मोहल्ले में बनी महिलाओं के ग्रुप ने ऐसे आयोजन की तैयारियां भी शुरू कर दी है।
इन कार्यक्रमों को लेकर मैरिज पैलेस, रिसोर्ट, धर्मशालाएं आदि जगहों की बुकिंग कराई गई है। इन कार्यक्रमों में डांडिया नृत्य की रिहर्सल भी चल रही है। वहीं, शहर में विभिन्न स्थानों पर दुर्गा पूजा महोत्सव होंगे। पांडालों में देवी प्रतिमाओं को स्थापित कर पूजन-अनुष्ठान किए जाएंगे।