मेडिकल कॉलेज : मर्ज को अभी दवा की दरकार
-स्ट्रक्चरल डिजाइन का अनुमोदन होने के बाद शुरू होगा निर्माण

श्रीगंगानगर.
राजकीय जिला चिकित्सालय में दानदाता के आर्थिक सहयोग से बनने वाले सरकारी मेडिकल कॉलेज के निर्माण की राह में कुंडली जमाए बैठे औपचारिकता के मर्ज को अभी दवा की दरकार है। मेडिकल कॉलेज के संबंध में मंगलवार को जिला कलक्टर ज्ञानाराम की अध्यक्षता में कलक्ट्रेट सभागार में हुई बैठक में ऐसी औपचारिकताओं पर विस्तृत चर्चा हुई और इनके निस्तारण का निर्णय किया गया। दानदाता बी.डी.अग्रवाल ने दावा किया कि प्रशासन की ओर से औपचारिकताओं का निपटारा करने के बाद सात दिन के भीतर मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू हो जाएगा।
मेडिकल कॉलेज की लागत के बारे में कलक्टर ने कहा कि इसके बारे में सरकार को लिखा जाएगा। दानदाता ने एमओयू के बाद मेडिकल कॉलेज के लिए जो गारंटी राशि जमा करवाई थी, वह मेडिकल कॉलेज के पेटे थी। अब मेडिकल काउंसिल ऑफ इंडिया के मापदण्डों के अनुसार मेडिकल कॉलेज के साथ 700 बेड का अस्पताल होना जरूरी है।
दानदाता मेडिकल कॉलेज भवन के साथ 400 बेड के अस्पताल भवन का निर्माण भी करवाएंगे। अभी राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज की द्वितीय यूनिट की लागत 250 करोड़ बताई है। कलक्टर का कहना था कि सरकार से यही स्पष्ट करवाना है कि यह लागत पूर्व की लागत सहित है अथवा नहीं। वैसे सरकार ने चूरू और अलवर सहित जिन पांच मेडिकल कॉलेज का निर्माण करवाया है उन पर लागत 216-17 करोड़ आई बताते हैं।
समय सीमा तय की
बैठक में में मेडिकल कॉलेज के स्ट्रक्चरल डिजायन पर भी चर्चा हुई। इस पर दानदाता का कहना था कि स्ट्रक्चरल डिजायन 24 मई तक उपलब्ध करवा दिया जाएगा। इस पर कलक्टर ने सार्वजनिक निर्माण विभाग के अधिकारी को निर्देश दिए कि दानदाता से स्ट्रक्चरल डिजायन मिलने के बाद तीन दिन में इसका अनुमोदन करवा दिया जाए। बैठक में मौजूद विभाग के अधिशासी अभियंता सुमन मनोचा ने बताया कि स्ट्रक्चरल डिजायन का अनुमोदन तीन दिन में इंजीनियरिंग कॉलेज से करवा दिया जाएगा। स्ट्रक्चरल डिजायन में निर्माण सामग्री, सरिया आदि की मोटाई आदि शामिल होते हैं।
यूआईटी को दिए निर्देश
कलक्टर ने यूआईटी सचिव को नक्शे में कमियों को दूर करने तथा तीन दिन में सक्षम स्तर पर अनुमोदन करवने के निर्देश दिए। इस पर अग्रवाल ने कहा कि स्ट्रक्चरल डिजायन के अनुमोदन का काम 24 मई तक हो गया तो उसके बाद वे सात दिन के भीतर मेडिकल कॉलेज का निर्माण शुरू करवा देंगे। दानदाता ने दावा किया कि निर्माण कार्य शुरू होने के बाद छह माह के भीतर दो वर्ष तक की आवश्यकताओं की पूर्ति करने वाले एकेडमिक भवन का निर्माण करवा दिया जाएगा।
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