ज्ञापन में ट्रिब्यूनल, फोरम व अन्य में रिटायर्ड जजों के स्थान पर अधिवक्ताओं की नियुक्ति 65 बरस से पहले मृत्यु हो जाने पर आश्रित को 50 लाख रुपए, 10 हजार रुपये 5 वर्ष तक स्टाइपेंड, फ्री चिकित्सा सुविधा, ब्याज रहित लोन, पेंशन, अधिवक्ता संरक्षण अधिनियम को लागू किए जाने आदि की मांग की गई है।
ज्ञापन में राजस्थान उच्च न्यायालय प्रशासन द्वारा न्यायिक सेवा भर्ती (जिला न्यायाधीश संवर्ग) में एडवोकेट कोटे को समाप्त किए जाने की कड़े शब्दों में निंदा भी की गई है। मंगलवार को अधिवक्ताओं ने अदालती कार्रवाई में भाग नहीं लिया।
ज्ञापन सौंपने वालों में संघ के सचिव मोहित चुघ, पूर्व अध्यक्ष कुन्दनलाल चुघ, रविन्द्र मोदी, राधेश्याम जोशी, कृष्ण जालप, लक्ष्मीनारायण सहगल, विकास गुरिया, सुभाष पटीर सहित अनेक अधिवक्ता शामिल थे।