वित्तीय वर्ष शुरू हुए करीब साढ़े छह महीने का समय बीत चुका है और कुछ समय यह वित्तीय वर्ष का शेष है। ऐसे में कब आदर्श गांव का चयन का प्रस्ताव आएगा, कब निर्धारित मापदंड के अनुरुप विकास कार्यो की अनुशंषा होगी और कब धरातल पर विकास कार्य शुरू होंगे, यह सवाल माननीयों की कार्यशैली का आकलन कर सकते है। करीब ढाई साल पहले मुख्यमंत्री ने अपने बजट में प्रत्येक विधायक को उसके विधानसभा क्षेत्र में वित्तीय वर्ष में एक गांव को गोद लेकर वहां विकास कार्य कराने के लिए अधिकृत करने की घोषणा की थी लेकिन धरातल पर यह योजना अपनी ही पार्टी के विधायकों के बलबूते पर दम तोड़ती दिख रही है।
इन तीन विधायकों ने लिए गांव गोद
वित्तीय वर्ष 2017-18 में जिले से छह विधायकों में से तीन ने ही अपने क्षेत्र के आदर्श गांवों के नाम जिला परिषद के पास दिए है। इसमें श्रीगंगानगर विधायक कामिनी जिन्दल ने 21 जीजी बुर्जवाली, सादुलशहर विधायक गुरजंट सिंह बराड़ ने बनवाली और सूरतगढ़ विधायक राजेन्द्र भादू ने 17 एसटीबी पालीवाला गांव को आदर्श गांव के रूप में गोद लिया है। जबकि खनन राज्य मंत्री और श्रीकरणपुर के विधायक सुरेन्द्र पाल सिंह टीटी, अनूपगढ़ की विधायक शिमला बावरी और रायसिंहनगर विधायक सोना बावरी ने किसी भी गांव को आदर्श गांव के लिए गोद लेने की प्रक्रिया नहीं अपनाई है।