संबंधित अधिकािरयों ने इस पूरे ध्वज को ही उतरा लिया। लेकिन इसके बाद यूआईटी प्रशासन फिर से ध्वज लगवाना भूल गया। जिला प्रशासन की फटकार पर न्यास अधिकारियों में खलबली मच गई। यही स्थिति दो महीने पहले भी हुई थी।
देश के पूर्व राष्ट्रपति प्रणव मुखर्जी के निधन के करीब एक माह से अधिक समय तक भारत माता चौक पर ध्वज को नहीं लगाया था। किसी न किसी कारणवश देश की आन, बान और शान राष्ट्रीय ध्वज को उतरवा दिया जाता है।
14 अगस्त 2018 को न्यास के तत्कालीन अध्यक्ष संजय महिपाल ने करीब साढ़े ग्यारह लाख रुपए का बजट खर्च कर शहर में सबसे बड़े ध्वज को लगाने की प्रक्रिया अपनाई थी लेकिन इसके रखरखाव में आ रहे खर्चे को लेकर यूआईटी प्रशासन आए दिन बिना कारण से ध्वज को उतरवा देता है।
इधर, भारत माता चौक पर इस ध्वज को नियमित लगाए रहने के लिए नगर परिषद सभापति करुणा चांडक ने यूआईटी से आग्रह किया था लेकिन यूआईटी ने इस ध्वज को सुपुर्द करने में दिलचस्पी नहीं दिखाई।
डेढ़ साल पहले नगर परिषद के तत्कालीन सभापति अजय चांडक ने भी नगर विकास न्यास को नगर परिषद को यह भारत माता चौक स्थानान्तरण करने की गुहार की थी, तब चांडक का कहना था कि नगर परिषद अपने बलबूते पर इस ध्वज पर होने वाले खर्च को वहन कर लेगी। लेकिन न्यास प्रशासन ने तब भी अपने कदम आगे नहीं बढ़ाएं थे।