scriptमुकद्दस महीना: इलाके में दिख रहे इबादत के रंग | Muqaddas Month: The colors of the worship shown in the locality | Patrika News

मुकद्दस महीना: इलाके में दिख रहे इबादत के रंग

locationश्री गंगानगरPublished: May 20, 2018 09:00:21 am

Submitted by:

pawan uppal

-बारह वर्ष और अधिक उम्र के बच्चे रख रहे रोजा

rojja

मुकद्दस महीना: इलाके में दिख रहे इबादत के रंग

श्रीगंगानगर.

इलाके में इन दिनों इबादत के रंग दिख रहे हैं। रमजान का पवित्र महीना शुरू हो चुका है, एेसे में मुस्लिम समुदाय के लोग इन दिनों रोजा रख रहे हैं। हालांकि पंद्रह वर्ष से अधिक आयु के बच्चों के लिए तो रोजा रखना फर्ज माना गया है, लेकिन इलाके में बारह वर्ष तक के बच्चे भी रोजा रख रहे हैं। शहर के एफ ब्लॉक मस्जिद के आसपास के इलाके और इंदिरा चौक आदि इलाकों में मुस्लिम परिवारों में बच्चे रोजा रखे हुए हैं। शाम के समय एफ ब्लॉक मस्जिद में रोजा इफ्तार के लिए आने वाले लोगों में बड़ी संख्या बारह वर्ष तक के बच्चों की भी रहती है।

पंद्रह वर्ष के बाद फर्ज है रोजा रखना
नियमानुसार मुस्लिम धर्म में पंद्रह वर्ष से अधिक आयु के बच्चों को रोजा रखना फर्ज माना गया है, लेकिन इसे आस्था कह सकते हैं कि बच्चे बारह वर्ष की उम्र से ही रोजा रखना शुरू कर रहे हैं। एफ ब्लॉक स्थित जामा मस्जिद के ईमाम हाफिज जहीर अहमद बताते हैं कि नियमानुसार पंद्रह वर्ष से अधिक के बच्चों के लिए तो रोजा जरूरी है, लेकिन प्रतिदिन इफ्तार के लिए मस्जिद में आने वालों में बड़ी संख्या बारह वर्ष से अधिक आयु के रोजेदारों की रहती है।
जुम्मे को रखा रोजा

एफ ब्लॉक मस्जिद में आए बारह वर्ष के हामिद ने बताया कि उनकी इच्छा तो रमजान के पूरे माह में रोजा रखने की थी, लेकिन अभी उन्होंने केवल जुम्मे को ही रोजा रखा है। इतनी कम उम्र में रोजा रखने के सवाल पर उनका कहना था कि यह अच्छा लगता है और इस दौरान खुद को ठीक रखने के लिए पूरा दिन ठंडे माहौल में रहते हैं। इन्हीं के साथ मौजूद इरफान का कहना था कि रमजान के महीने में रोजा रखना उन्हें भी पसंद है। इरफान ने रोजे रखने को अच्छा बताया।
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