उल्लेखनीय है कि श्रीगंगानगर जिले में 9674 लोगों के नाम राशन कार्ड से हटाने की कार्रवाई की जानी है। जबकि राज्य में इनकी संख्या 3 तीन लाख 87 हजार 873 है। इन परिवारों के नाम अब राशन कार्ड से हटाने की कार्रवाई चल रही है। इस संबंध में हाल ही में वीसी में खाद्य एवं नागरिक आपूर्ति विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने सभी डीएसओ को राशन कार्ड से इन अपात्र लोगों के नाम हटाने तथा प्रतिदिन की रिपोर्ट देने के लिए निर्देशित किया हुआ था।
क्यों नहीं हटाते नाम–रसद विभाग के अधिकारियों का कहना है कि राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में जिले में तीन लाख बीस हजार से अधिक परिवार चयनित हैं। इन लोगों को पहले दो रुपए किलो गेहूं मिलता था। जबकि कोविड-19 के बाद अप्रेल व मई माह से राज्य व केंद्र सरकार की तरफ से प्रत्येक सदस्य को नि:शुल्क दस-दस किलो गेहूं व एक परिवार को मई माह में एक किलो चना की दाल का वितरण भी किया गया। इस कारण हर व्यक्ति नि:शुल्क राशन लेने के लिए इस सूची में नाम जुड़वाने की कोशिश में रहता है।
राशन कार्ड से नहीं हटवा रहे नाम–राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में चयनित किसी व्यक्ति की मौत होने पर भी कई जगह राशन उठाने के मामले सामने आए हैं। चयनित परिवार की बेटी की शादी हो गई लेकिन वह आगे ससुराल चली गई लेकिन उसका नाम राशन कार्ड में है और इस आधार पर पीहर में उसका राशन उठ रहा है। जबकि ससुराल में राशन कार्ड में उसका नाम जुड़वा लिया। ऐसे बहुत से परिवार हैं। जबकि बहुत से पात्र लोग ऐसे भी हैं जिनका नाम इस सूची में नहीं है।
शासन सचिव के निर्देश पर राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा योजना में राशन कार्ड से 17 सौ लोगों के नाम हटाने की कार्रवाई की गई है। जांच कर नाम हटाने की कार्रवाई चल रही है। राकेश सोनी, डीएसओ, रसद विभाग, श्रीगंगानगर।