scriptनए वार्डो के सीमांकन तय करने में अनदेखी इतनी कि एक वार्ड में दो पुलिस थानों का क्षेत्राधिकार – | Neglect in determining the demarcation of new wards | Patrika News

नए वार्डो के सीमांकन तय करने में अनदेखी इतनी कि एक वार्ड में दो पुलिस थानों का क्षेत्राधिकार –

locationश्री गंगानगरPublished: Jul 20, 2019 10:24:47 pm

Submitted by:

surender ojha

– अब तक नहीं हो पाई डेढ़ सौ से अधिक आई आपत्तियों की छंटनी

new wards

नए वार्डो के सीमांकन तय करने में अनदेखी इतनी कि एक वार्ड में दो पुलिस थानों का क्षेत्राधिकार –

श्रीगंगानगर (Sri Ganganagar ) शहर में अब पचास की बजाय 65 वार्ड ( ward )
बनाने के लिए तैयार किए वार्ड सीमांकन पर करीब डेढ़ सौ से अधिक आपत्तियां दर्ज की गई है। आपत्तियां दर्ज कराने की तय सीमा समाप्त होने के उपरांत तत्काल इन आपत्तियों का निस्तारण करना था लेकिन करे कौन, यह सवाल नगर परिषद के अधिकारी एक दूसरे से करते नजर आ रहे है। इन आपत्तियों में ऐसे वार्ड की सीमाएं भी है जहां नगर परिषद के अभियंताओं ने स्वायत्त शासन विभाग ( dlb ) के नियम कायदों को खूंटी पर टांग दिया।
इसमें एक ही वार्ड सीमा दो पुलिस थानों ( police stations ) में जोड़ दी है। मौजूदा वार्ड नम्बर पचास में कोतवाली और जवाहरनगर दोनों पुलिस थानों की सीमाएं है। जबकि डीएलबी की स्पष्ट गाइड लाइन थी कि एक ही वार्ड में एक ही पुलिस थाना का क्षेत्राधिकार( jurisdiction) होना चाहिए लेकिन नियम कायदों पर अनदेखी हुई है। इस संबंध में रेलवे कॉलोनी के मोनू भाटी और शास्त्री कॉलोनी के शिवा ने इसकी शिकायत क्षेत्रीय विधायक राजकुमार गौड़ के माध्यम से स्वायत्त शासन मंत्री और शासन सचिव से की है।
इसी प्रकार वार्ड 33 है, जहां एक एरिया सदर थाना में है तो दूसरा जवाहरनगर थाने में। इस वार्ड की सीमाकंन में भी अभियंताओं की जांच कमेटी ने वार्ड के मौजिज लोगों की राय नहीं ली। इसी प्रकार वार्ड 19 है जहां एक सीमा कोतवाली पुलिस थाना एरिया में तो दूसरी सदर थाना क्षेत्र में आ रही है।
इस थाना क्षेत्र की सीमा का भी ख्याल नहीं किया है।
कई वार्डो में इसकी जनसंख्या साढ़े चार हजार है तो कहीं ढाई हजार आबादी वाले इलाके को वार्ड घोषित कर दिया है। आपत्ति दर्ज कराने वालों का यह भी मानना था कि वार्ड का आकार वृत्ताकार में होना चाहिए था लेकिन नगर परिषद की गठित कमेटी ने अपने हिसाब से ही वार्ड का आकार बड़ा या छोटा कर दिया है।
यहां तक कि वार्ड की जनसंख्या का भी ख्याल नहीं रखा गया है। शकायतकर्ताओं का यह भी कहना है कि स्वायत्त शासन विभाग की ओर से तय की गई गाइड लाइन के अनुरुप वार्ड सीमा का ख्याल नहीं रखा गया है। जबकि डीएलबी ने अपनी गाइड लाइन में एक समान वार्डो की जनसंख्या का हवाला दिया गया है। यहां तक कि कई इलाके जानबूझकर उनके वार्ड से बाहर कर दिया है जो उस विशेष दल की खिलाफत में थे। ऐसे मोहल्लों को वार्ड से बाहर करना राजनीतिक द्वेषता है।
नगर परिषद बोर्ड में पिछले साढ़े चार साल के कार्यकाल में सफाई जैसे मुद्दे पर शहर में जिस तरीके से किरकरी हुई है उसके अनुरुप मौजूदा पार्षदों की वार्डो में छवि अधिक प्रभावित होने लगी।
ऐसे में वार्डो का पुन: सीमांकन करने की प्रक्रिया से मौजूदा वार्ड के कई एरिया अलग होकर दूसरे वार्ड में जोड़े गए है, इस कारण नए एरिया से अधिकांश पार्षदों के चेहरे खिल उठे है। कई पार्षदों ने अभी से ही रिपीट होने का दावा करते हुए मतदाताओं की नब्ज टटोलनी शुरू कर दी है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो