(education department) में 35 करोड़ रुपए के घोटाले में रविवार को उस समय नया मोड़ आ गया जब मुख्य आरोपी पीटीआइ (PTI)ने खुद को कोर्ट (court) के समक्ष समर्पण कर दिया। कोर्ट ने इसकी सूचना पुरानी आबादी पुलिस को दी। जांच अधिकारी और पुरानी आबादी सीआई दिगपाल सिंह ने कोर्ट में इस प्रकरण की पत्रावली पेश की।
जांच अधिकारी ने इस आरोपी का सात दिन का पुलिस रिमांड दिए जाने का आग्रह किया जबकि बचाव पक्ष के वकील कुलविन्द्र सिंह ने इसका विरोध करते हुए अपना पक्ष रखा। बचाव पक्ष का कहना था कि इस प्रकरण में बैंक खाते फ्रिज हो चुके है, रिकवरी कोई बाकी नहीं है, ऐसे में रिमांड दिया जाना न्यायोचित नहीं होगा।
लेकिन न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग संख्या एक दीप्ती स्वामी ने आरोपी ओमप्रकाश शर्मा पुत्र सहदेव शर्मा को चार दिन पुलिस रिमांड भेजने के आदेश किया।
आरोपी मूल रूप से गांव मिर्जेवाला का है और यहां सदभावनानगर में अपनी कोठी बनाकर रहने लगा था। वह पुरानी आबादी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नम्बर सात में पीटीआई टीचर था लेकिन कम्प्यूटर में एस्पर्ट होने के कारण शिक्षा अधिकारियों ने उसे ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय श्रीगंगानगर में प्रतिनियुक्ति पर लगा लिया था।
आरोपी मूल रूप से गांव मिर्जेवाला का है और यहां सदभावनानगर में अपनी कोठी बनाकर रहने लगा था। वह पुरानी आबादी के राजकीय उच्च प्राथमिक विद्यालय नम्बर सात में पीटीआई टीचर था लेकिन कम्प्यूटर में एस्पर्ट होने के कारण शिक्षा अधिकारियों ने उसे ब्लॉक शिक्षा अधिकारी कार्यालय श्रीगंगानगर में प्रतिनियुक्ति पर लगा लिया था।
30 जुलाई को शिक्षा अधिकारी हंसराज की ओर से पुरानी आबादी थाने में आरोपी पीटीआई शिक्षक ओमप्रकाश शर्मा के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। इसमें बताया गया कि शिक्षकों के उपार्जित अवकाश यानि पीएल की राशि का भुगतान देने के लिए पीटीआई शिक्षक की डयूटी लगाई गई थी, उसने शिक्षकों के पासवर्ड में अपने परिवारिक सदस्यों का नाम नामिनी अंकित कर बैंक खातों में यह राशि अंतरित करवा लिया।
बिलों पर साइन भी फर्जी किए गए। इन बिलों को जिला कोष कार्यालय में जमा करवाए और वहां से अपने और अपने परिवारिक सदस्यों के नाम से खोले बैंक खातों में करीब 35 करोड़ रुपए की राशि ट्रांसफर कराई।
इससे राजकोष को करीब 35 करोड़ रुपए का नुकसान पहुंचा है। इस मामले के बाद शिक्षा निदेशालय बीकानेर की टीम ने जांच भी शुरू की है। उसने भी प्रारभिंक जांच में आरोपी ओमप्रकाश की ओर से किए गए गबन की पुष्टि कर दी है। इस बीच पुलिस ने 172 बैँक खाते को सीज करवाए दिए ताकि इन खातों में जमा राशि को निकाला नहीं जा सके।