scriptशिक्षा विभाग में 38 करोड़ रुपए घोटाले में अब तक एक रुपए की रिकवरी नहीं | No recovery of one rupee in 38 crore rupees scam in Education Departme | Patrika News

शिक्षा विभाग में 38 करोड़ रुपए घोटाले में अब तक एक रुपए की रिकवरी नहीं

locationश्री गंगानगरPublished: Aug 13, 2019 12:36:34 am

Submitted by:

surender ojha

38 crore rupees scam मुख्य आरोपी पीटीआई ओमप्रकाश ने अब तक नौ दिन पुलिस रिमांड में जांच एजेंसी की निकाली हवा.

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शिक्षा विभाग में 38 करोड़ रुपए घोटाले में अब तक एक रुपए की रिकवरी नहीं

श्रीगंगानगर. शिक्षा विभाग में हुए करीब 38 करोड़ रुपए के गबन के मामले में अब तक पुलिस ने एक भी रूपए की रिकवरी नहीं की है। ऐसे में पुलिस की जांच भी सवालों के घेरे में आ गई है। पुलिस ने अब तक सिर्फ दो कारों को जब्त कर वाहवाही लूटने का प्रयास किया है।
लेकिन मुख्य आरोपी पीटीआई ओमप्रकाश ने अब तक नौ दिन पुलिस रिमांड में जांच एजेंसी की हवा निकाली दी है। इस मास्टर माइंड अपराधी ने पुलिस को फिल्मी कहानी बताकर 38 करोड़ रुपए का हिसाब किताब कागजों में बता दिया है। उसने पूछताछ में यह स्वीकारा कि उसने अय्याशी के नाम पर दस करोड़ रुपए फूंक दिए लेकिन इस संबंध में अब तक कोई पुख्ता साक्ष्य नहीं मिले है। पुलिस का दावा है कि सात सटोरियों की भूमिका सामने आई है।
इन सटोरियों ने गबन की राशि से अपनी कोठियां बनाई और कई लाख रुपए क्रिकेट बुक्की में लगा दिए थे। मुख्य आरोपी पीटीआइ ओमप्रकाश शर्मा ने रिमांड अवधि के दौरान पुलिस पूछताछ में इन सात सटोरियों की भूमिका के बारे में बताया है। इसकी निशानदेही पर सातों सटोरियों को काबू करने के लिए पुलिस ने अलग अलग जगहों पर दबिश भी की लेकिन वे भूमिगत हो गए। पुलिस का दावा है कि इन सातों सटोरियों की गिर$फ्तारी किसी भी समय हो सकती है। इसके अलावा कई संदिग्धों से राउण्ड अप कर पूछताछ का दौर जारी है। पुरानी आबादी थाना अधिकारी दिगपाल सिंह ने बताया कि जिन दो सटोरियों को गिर$फतार किया गया है, उनसे भी पूछताछ की जा रही है।
पुलिस ने 5 जी छोटी सहारणांवाली गांव निवासी कलवंत पुत्र आशाराम जाट और रामलाल कॉलोनी गली नम्बर चार निवासी गिरधारीलाल पुत्र लिखमाराम कुम्हार के बैंक खातों में गबन की राशि 91 लाख रुपए जमा हुए थे, इस गबन को इन दोनों सटोरियों ने क्रिकेट बुक्की और अय्याशी में उड़ा दिए थे। मोटी रकम इन सटोरियों के पास गई है। जिनसे पुलिस की ओर से वसूली की जाएगी। सरकारी राशि हड़पने के मामले में इनको भी आरोपी बनाया जाएगा।
मुख्य ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में हुए 35 करोड़ रुपए के गबन मामले की जांच शिक्षा निदेशालय बीकानेर की टीम कर रही है। संयुक्त निदेशक देवलता चांदवानी और लेखा अधिकारी विनीत सहारण की अगुवाई में जांच दलों ने पिछले एक सप्ताह में फर्जी बिलों की जांच के दौरान करीब दो करोड़ रुपए का गबन और निकाला है। इस जांच दल का दावा है कि यह जांच वर्ष 2015 से लेकर अब तक हुई समय अवधि की है, अगले दस दिनों में वर्ष 2009 से लेकर वर्ष 2014 तक समय अवधि की जांच प्रक्रिया पूरी होने के बाद पूरे आंकड़े आ पाएंगे।
पुरानी आबादी थाना अधिकारी दिगपाल सिंह ने बताया कि आरोपियों 5 जी छोटी सहारणांवाली गांव निवासी कलवंत पुत्र आशाराम जाट और रामलाल कॉलोनी गली नम्बर चार निवासी गिरधारीलाल पुत्र लिखमाराम कुम्हार को न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम वर्ग संख्या एक दीप्ति स्वामी ने13 अगस्त तक रिमांड पर भेज दिया था।
इस बीच पुलिस ने बताया कि गबन के मामले में पुलिस की टीमें कोष कार्यालय व मुख्य ब्लॉक प्रारंभिक शिक्षा अधिकारी कार्यालय में जांच में जुटी रही। यहां से गबन के संबंध में पूरा रिकॉर्ड खंगाला जा रहा है। पिछले दिनों ही पुलिस अधीक्षक में जांच के लिए अलग-अलग टीमों का गठन किया था। यह टीमें अलग-अलग एंगल पर जांच में जुटी हुई है। इसके अलावा शिक्षा निदेशालय बीकानेर की टीमें भी मामले की गहनता से जांच पड़ताल कर रही है।
पुलिस ने बताया कि पिछले दिनों गबन के मुख्य आरोपी की ओर से अपने रिश्तेदारों व परिचितों के बैंक में खातों में जमा राशि के संबंध में रिकॉर्ड मांगा गया था। इसके लिए संबंधित बैंकों को पत्र भेजे गए थे। बैंकों की ओर से इन खातों का करीब साढ़े चार साल का रिकॉर्ड उपलब्ध करवाना शुरू कर दिया है।
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