श्री गंगानगर

घोषणाएं होती रही, नहीं हुआ समाधान

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श्री गंगानगरSep 07, 2018 / 11:45 am

jainarayan purohit

घोषणाएं होती रही, नहीं हुआ समाधान

श्रीगंगानगर.
जिले के विधानसभा मुख्यालय पौने पांच साल पहले उस समय भी विकास को तरस रहे थे जब राज्य में भाजपा की सरकार बनी। ये आज भी विभिन्न समस्याओं से जूझ रहे हैं। राज्य में सरकार बनने के बाद पहले मुख्यमंत्री सुराज संकल्प यात्रा लेकर आईं अब फिर गौरव यात्रा लेकर जिले में आ रही हैं लेकिन समस्याओं से जूझते विधानसभा मुख्यालय आज फिर वही प्रश्न पूछ रहे हैं।

जिला बनने का है इंतजार
अनूपगढ़ क्षेत्र पहले सूरतगढ़ विधानसभा क्षेत्र के अधीन था। परिसीमन के बाद अनूपगढ़ विधानसभा क्षेत्र बना। वर्तमान में अनूपगढ़ से विधायक भाजपा की हैं तथा प्रदेश में सरकार भी भाजपा की। सत्ता होने के बावजूद इलाके की समस्याओं का समाधान नहीं हुआ है। पिछले विधानसभा चुनाव से पूर्व सुराज संकल्प यात्रा के दौरान मुख्यमंत्री तथा भाजपा के विधायकों ने अनूपगढ़ को जिला बनाने का आश्वासन दिया था जो आज तक पूरा नहीं हुआ। ग्रामीण इलाके में जनता जल योजनाओं से स्वच्छ पेयजल की आपूर्ति सपना बना हुआ है, वहीं ढाणियों को आज भी बिजली सुविधा का इंतजार है।

लंबे समय से समस्याएं यथावत
रायसिंहनगर विधानसभा क्षेत्र रेल व बस यातायात से जुड़ा होने पर भी मूलभूत सुविधाओं से वंचित है। सांसद निहालचंद का गृह क्षेत्र होने पर भी यह इलाका विकास को तरस रहा है। चिकित्सालय में रिक्त पद तथा सिंचाई के लिए पर्याप्त पानी नहीं मिलने की समस्या से यह विधानसभा क्षेत्र भी अछूता नहीं है। इसके अलावा बहुत सी ऐसी समस्याएं हैं जिनका लंबे समय से समाधान नहीं हुआ है। सरकारें बदली लेकिन समस्या जस की तस हैं। वर्ष १९५९ में सहकारी भूमि आवंटन के तहत आवंटित की गई भूमि का मालिकाना हक दशकों बाद भी काश्तकारों को नहीं मिल पाया है।

ग्रामीण इलाकों में शुद्ध पेयजल भी बड़ी समस्या है।
आशातीत विकास की दरकार
प्रदेश में २००६ में हुए परिसीमन से अस्तित्व में आए सादुलशहर विधानसभा क्षेत्र का आशातीत विकास नहीं हो पाया है। सत्ता पक्ष के विधायक रहने के बावजूद क्षेत्र मूलभूत सुविधाओं को तरस रहा है। विकास की घोषणाएं होती रही। लेकिन काम नहीं होता। कांग्रेस के शासनकाल में 2012 में सादुलशहर में राजकीय आईटीआई खोलने की घोषणा की गई जो आज तक मूर्त रूप नहीं ले पाई। क्षेत्र को बीएडीपी योजना का लाभ भी नहीं मिल रहा। मुख्यमंत्री जल स्वावलम्बन योजना के तहत पक्के खाळों का निर्माण नाममात्र ही हो पाया है। अनेक ग्राम पंचायतों में आज भी प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र नहीं।रोडवेज बस सेवा की सुविधा से भी सादुलशहर वंचित है।

जनता चाहे यह काम
सरकारी महाविद्यालय में विज्ञान तथा वाणिज्य संकाय
औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान में पोलोटेक्निक की सुविधा
राजकीय चिकित्सालय में रिक्त पदों पर नियुक्ति


रेल सेवाओं का विस्तार
इंदिरा गांधी नहर के किसानों को पूरा पानी-रामसिंहपुर को मिले उप तहसील का दर्जा-घड़साना को मिले नगरपालिका का दर्जा
औद्योगिक विकास के लिए इलाका हो टैक्स फ्री जोन

लोगों को ढेरों उम्मीदें
डेढ़ करोड़ की लागत से बनी सब्जी मंडी शुरू हो
शहीद भगतसिंह महाविद्यालय का हो सरकारीकरण
वर्ष १९७२ में चिन्हित खाटां माइनर को मिले मंजूरी
सेमग्रस्त इलाकों में समस्या का हो स्थायी समाधान
गांवों में हो आबादी भूमि का विस्तार एवं अपग्रेडेशन
डॉक्टरों को तरस रहा इलाका
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में रिक्त पदों पर हो नियुक्ति
बंद पड़े ब्लड बैंक को शुरू किया जाए
राजकीय छात्र महाविद्यालय खोला जाए
एडीजी न्यायालय की हो स्थापना
सडक़ों का विस्तार एवं निर्माण हो
रोडवेज तथा लंबी दूरी की बस सेवा हो शुरू
अधूरे पड़े दो आरयूबी का हो निर्माण
भाखड़ा के किसानों को मिले पूरा पानी
स्टेडियम का आधा-अधूरा काम हो पूरा

जहां हाथ रखो वहीं दर्द
इसे विडम्बना ही कहेंगे कि करणपुर विधानसभा क्षेत्र से चुने गए अधिकांश विधायक सरकार में मंत्री रहे, इसके बावजूद क्षेत्र का अपेक्षित विकास नहीं हो पाया। करणपुर कस्बा आज भी कई सुविधाओं से वंचित है। सामाजिक व राजनीतिक संगठनों के कार्यकर्ता अक्सर यहां की मूलभूत आवश्यकताओं को पूरा करने की मांग उठाते हैं। लेकिन स्थिति जस की तस है। शिक्षा, चिकित्सा, बिजली, पानी व सडक़ से जुड़ी कई समस्याएं अंगद का पांव बनी हुई हैं। विधानसभा क्षेत्र के अधीन मंडियों केसरीसिंहपुर, गजसिंहपुर व पदमपुर में भी कमोबेश इसी तरह की समस्याएं हैं।

जनता चाहे यह काम
राजकीय महाविद्यालय का हो अपना भवन
सामुदायिक स्वास्थ्य केन्द्र में भरे जाएं रिक्त पद
श्रीकरणपुर-रायसिंहनगर मार्ग पर पर्याप्त रोडवेज बस सेवा
राजकीय उच्च माध्यमिक विद्यालय में बने इंडोर स्टेडियम
किसानों को सिंचाई के लिए मिले पर्याप्त पानी
 

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