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कपास-नरमा की तुलाई का नहीं तोड़, अपनाया जा रहा है दोहरा मापदण्ड

locationश्री गंगानगरPublished: Oct 09, 2017 09:02:21 pm

Submitted by:

vikas meel

ज्य की धान मंडियों में कृषि जिन्सों की तुलाई इलेक्ट्रोनिक कांटों से करने का आदेश लागू किया जा चुका है।

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श्रीगंगानगर।

राज्य की धान मंडियों में कृषि जिन्सों की तुलाई इलेक्ट्रोनिक कांटों से करने का आदेश लागू किया जा चुका है। इसको एक माह से अधिक का समय हो गया, इसके लिए कृषि विपणन विभाग ‘सख्ती’ बरत रहा है लेकिन खरीफ की प्रमुख फसल कपास-नरमा परम्परागत कांटे से ही तुल रही है। इसके पीछे यह तर्क भी दिया जा रहा है कि कपास-नरमा पल्ली में होने के कारण इलेक्ट्रोनिक कांटे से नहीं तुल सकती है, ऐसे में पुराने तरीके से तोलने की छूट दी गई है।
मंडियों में अन्य कृषि जिन्स इलेक्ट्रोनिक कांटों से तुलने शुरू हो गए हैं लेकिन कपास-नरमा की तुलाई पुराने कांटे से ही की जा रही है। यह भी गौरतलब है कि परम्परागत कांटों-बाट की सरकार का कांटे, बाट, माप विभाग प्रति वर्ष जांच करता है। इसके लिए बकायदा धान मंडियों में विशेष शिविर लगाए जाते हैं। निर्धारित शुल्क लेकर जांच होती है और इन पर मुहर लगाई जाती है।
मंडियों में कृषि जिन्सों को तोलने का काम कृषि उपज मंडी समिति से लाइसेंस प्राप्त तुलाईकार ही करते हैं। इन्ही तथ्यों के आधार पर मजदूरों एवं व्यापारियों के संगठनों ने इलेक्ट्रोनिक कांटों की बाध्यता के आदेश का शुरू में विरोध किया था। उन्होंने इलेक्ट्रोनिक कांटों में आने वाली अड़चनों को गिनाते हुए व्यावहारिकता की मांग की थी।
दूसरी तरफ, किसानों के बड़े वर्ग का मानना है कि तुलाई इलेक्ट्रोनिक कांटे से ही होनी चाहिए। उनके अनुसार पुराने कांटे के माध्यम से कृषि जिन्स अधिक तुलता था। अनेक किसानों का कहना है कि सरकार को किसान का माल निर्धारित वजन से ज्यादा नहीं तुलना सुनिश्चित किया जाना चाहिए और इसके लिए तमाम जरूरी कदम उठाए जाने चाहिए।

घटौती बना रही घनचक्कर

इलेक्ट्रोनिक कांटे से तुलाई के बाद घटौती का विवाद घनचक्कर बना रहा है। माल खरीदने वाले कई व्यापारियों का कहना है कि नमी वाला माल कुछ घटे बिना नहीं रहता। वजन में फर्क की बात भी सामने आई है, धूप में वजन डिसप्ले बोर्ड पर मुश्किल से दिखता है। नरमा-कपास की धर्मकांटे से तुलाई के समय काट लगाए जाने की शिकायत भी मंडी समिति के पास पहुंच चुकी है, उसके अनुसार किसी प्रकार की कटौती नहीं की जा सकती। कोई ऐसा करता पाया गया तो कार्रवाई की जाएगी।

माल तुलना चाहिए पूरा

किसान को अपना माल पूरा-पूरा तुलने से मतलब है। इसके लिए सरकार को व्यवस्था करनी चाहिए, गड़बड़ी पर सख्त कार्यवाही होनी चाहिए।

-छिन्द्रपाल सिंह किसान, ढींगवाली


होना चाहिए व्यावहारिक
तुलाई में व्यावहारिकता जरूरी है। कपास-नरमा इलेक्ट्रोनिक कांटे से नहीं तुल सकता। इसका कोई विकल्प भी नजर नहीं आ रहा।

-किशोरीलाल सिवाण अध्यक्ष, न्यू धान मंडी मजदूर संघ


छूट देना सही

सरकार ने कपास-नरमा की तुलाई पुराने कांटों से करने की छूट दे रखी है, इसका अभी तक कोई विकल्प भी नहीं है। -हनुमान गोयल अध्यक्ष, श्रीगंगानगर
-हनुमानगढ़ जिला संयुक्त व्यापर संघ


अभी नहीं कोई व्यवस्था

कपास-नरमा को अन्य किसी कांटे से तुलने की व्यवस्था नहीं है, इसलिए पुराने कांटे से तोलने दी जा रही है।

-रमेश कुक्कड़ सहायक सचिव, कृषि उपज मंडी समिति
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