आलम यह था कि महिला श्रद्धालुओं के लिए बनाया गया पंडाल इतना छोटा पड़ा कि उन्हें रामलीला मैदान में बनी दर्शक दीर्घा में बैठना पड़ा। नाम चर्चा में ‘सुख दुआ समाज’ की गोरी माई महंत सहित शहर के तमाम पार्टियों के नेताओं ने भाग लिया। नाम चर्चा के दौरान 130 परिवारों को एक माह का राशन तथा 130 जरूरतमंदों को गर्म कंबल वितरित किए गए।
नूरे जलाल है छा गया सतगुरु प्यारा आ गया, रविवार को सुखाडिया सर्किल स्थित रामलीला मैदान में राम-नाम का डंका बजा। पावन अवतार दिवस भंडारे की नामचर्चा में श्रीगंगानगर शहर सहित विभिन्न ब्लॉकों से हजारों की तादाद में साध-संगत उमड़ी। दोपहर 12 बजे से 2 बजे तक आयोजित पवित्र भण्डारे की नामचर्चा में समाप्ति तक साध-संगत के आने का क्रम जारी रहा।
मानवता की भलाई के कार्य जारी रखने का संकल्प
– साध-संगत अपने वाहनों के अलावा बसों के जरिए नामचर्चा स्थल पर पहुंची। सुबह 11 बजे से ही साध-संगत नामचर्चा स्थल पर पहुंचनी शुरू हो गई। साध-संगत ने हाथ खड़े कर मानवता भलाई के कार्य लगातार जारी रखने का संकल्प दोहराया। कविराज भाईयों ने डेरा सच्चा सौदा के संस्थापक के जन्म माह के उपलक्ष्य में शब्दों का गायन किया।
शब्दों में ‘नूरे जलाल है छा गया, सतगुरु प्यारा आ गया…’, ‘आज दिन है ये कितना सुहाना, अज्ज जाए सतगुरु जी…’, ‘बेपरवाह जी का जन्म भंडारा खुशियां मना रही संगत सारी…’ आदि भजनों का गुणगान किया। नामचर्चा के अंत में पांच मिनट तक सिमरन किया गया। नाम चर्चा की समाप्ति पर साध-संगत को गुरू का प्रसाद व लंगर वितरित किया गया।
कोविड गाइड लाइन की पालना
– नाम चर्चा में आने वाले श्रद्धालुओं के सेवादारों ने हाथ सैनेटाइज्ड कराए और मेटल डिटेक्टर से उनकी जांच भी की गई। बिना मास्क पहुंची साध-संगत को मास्क वितरित किए गए। जिसमें पंडाल समिति, लंगर समिति, पानी समिति व शाह सतनामजी ग्रीन एस वेलफेयर फोर्स विंग के सेवादारों ने सेवा निभाई। वहीं ट्रेफिक व्यवस्था गोपीराम गोयल की बगीची व धानमंडी में की गई।
लंगर व्यवस्था
आटा- 40 क्विंटल
दाल- 10 क्विंटल
सब्जी- 20 क्विंटल
बूंदी प्रसाद- 10 क्विंटल
आटा- 40 क्विंटल
दाल- 10 क्विंटल
सब्जी- 20 क्विंटल
बूंदी प्रसाद- 10 क्विंटल