ऐसा ही हाल हमारे शहर का है। कोतवाली के सामने, एच ब्लॉक डिग्गी के पास, केन्द्रीय बस स्टैण्ड के सामने होटल, नेहरू पार्क के पास बीएसएनएल एक्सचेंज की बिल्डिंग, चहल चौक के पास सीजीआर मॉल, हनुमानगढ़ रोड पर एक प्राइवेट हॉस्पिटल, सुखाडिय़ा मार्ग पर तीन नर्सिंग होम्स और एक होटल, रेलवे स्टेशन के पास एक होटल, एसएसबी रोड और रिद्धि सिद्धि कॉलोनी में फ्लैट योजना के तहत बन रही ऊंची-ऊंची बिल्डिंग, पुरानी आबादी में एक होटल, गांधी चौक पर एक शॉप, रामलीला मैदान के पास सिटी मॉल, एक होटल, बीरबल चौक के पास विशाल मेगा मार्ट आदि करीब चालीस से पचास बिल्डिंग हैं। इसमें से अधिकांश में आग बुझाने के लिए फायर सिस्टम तक नहीं हैं। अगर इन भवनों में आग लगने की घटना अगर हो जाए तो आग बुझाने के लिए फायर ब्रिगेड के कार्मिक भी कुछ नहीं कर पाएंगे।
-इसलिए नहीं होते भवन सीज
नियम कायदों की अनदेखी से बन चुके करीब पचास से अधिक भवनों को नोटिस देने के बावजूद सीज की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। नगर परिषद के अंतिम नोटिस के खिलाफ भवन मालिक कोर्ट की शरण लेता है। कोर्ट में भवन मालिक के खिलाफ नगर परिषद या नगर विकास न्यास अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रभावी पैरवी नहीं करते। ढील की वजह से कोर्ट से ऐसे भवन मालिकों को सीज की कार्रवाई रोकने का अवसर मिल जाता है। मामला ठंडा होते ही संबंधित भवन को नियमित कर दिया जाता है।
नियम कायदों की अनदेखी से बन चुके करीब पचास से अधिक भवनों को नोटिस देने के बावजूद सीज की प्रक्रिया नहीं अपनाई गई है। नगर परिषद के अंतिम नोटिस के खिलाफ भवन मालिक कोर्ट की शरण लेता है। कोर्ट में भवन मालिक के खिलाफ नगर परिषद या नगर विकास न्यास अपने अधिवक्ता के माध्यम से प्रभावी पैरवी नहीं करते। ढील की वजह से कोर्ट से ऐसे भवन मालिकों को सीज की कार्रवाई रोकने का अवसर मिल जाता है। मामला ठंडा होते ही संबंधित भवन को नियमित कर दिया जाता है।
-हां, पांच बिल्डिंग को नोटिस देंगे
यह सही है कि नियम कायदों की अनदेखी से बनी पांच बिल्डिंग को नोटिस देने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इन भवनों की ऊंचाई पन्द्रह मीटर से अधिक है। वहां तक आग बुझाने के संसाधन नहीं पहुंच पाते। डीएलबी ने निर्धारित मापदंड से अधिक ऊंचे भवनों को सीज करने का प्रावधान किया गया है।……………….-राकेश व्यास, फायर ऑफिसर, अग्नि शमन सेवा केन्द्र नगर परिषद
यह सही है कि नियम कायदों की अनदेखी से बनी पांच बिल्डिंग को नोटिस देने की प्रक्रिया अपनाई जा रही है। इन भवनों की ऊंचाई पन्द्रह मीटर से अधिक है। वहां तक आग बुझाने के संसाधन नहीं पहुंच पाते। डीएलबी ने निर्धारित मापदंड से अधिक ऊंचे भवनों को सीज करने का प्रावधान किया गया है।……………….-राकेश व्यास, फायर ऑफिसर, अग्नि शमन सेवा केन्द्र नगर परिषद
-पूरे मामले की कराएंगे जांच
यदि ऐसी बिल्डिंग है तो उसके बारे में अधीनस्थ अधिकारियों की टीम से जांच कराई जाएगी। सूरत जैसी घटना को रोकने के लिए ऊंची ऊंची बिल्डिंग की अनुमति और वहां फायर सिस्टम होने या नहीं होने के संबंध में अधिकारियों और फायर ब्रिगेड के अधिकारियेां से जांच कराई जाएगी। इसके बाद संबंधित भवन मालिक के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।………………………..-मिलखराज चुघ, आयुक्त नगर परिषद
यदि ऐसी बिल्डिंग है तो उसके बारे में अधीनस्थ अधिकारियों की टीम से जांच कराई जाएगी। सूरत जैसी घटना को रोकने के लिए ऊंची ऊंची बिल्डिंग की अनुमति और वहां फायर सिस्टम होने या नहीं होने के संबंध में अधिकारियों और फायर ब्रिगेड के अधिकारियेां से जांच कराई जाएगी। इसके बाद संबंधित भवन मालिक के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा।………………………..-मिलखराज चुघ, आयुक्त नगर परिषद