श्री गंगानगर

अब चंडीगढ़ की तरह प्रदेश में हो रहे वाहनों के ई- चालान, बच नहीं सकते चालक

मोबाइल पर आएगा चालान का मैसेज, नहीं भरा तो बेचने व फिटनस के समय भरना होगा जुर्माना

श्री गंगानगरJul 28, 2021 / 07:48 pm

Raj Singh

अब चंडीगढ़ की तरह प्रदेश में हो रहे वाहनों के ई- चालान, बच नहीं सकते चालक

श्रीगंगानगर . जब कोरोना की दूसरी लहर चल रही थी और दूसरी तरफ प्रदेश में पुलिस ने ऑनलाइन ई-चालान शुरू कर दिए थे। इससे पुलिस को देखकर भागने वाले वाहन चालक अब बच नहीं सकेंगे। यातायात नियमों की पालना नहीं करने पर चालान का मैसेज उनके मोबाइल पर आ जाएगा और यदि जुर्माना नहीं भरा तो वाहन बेचते समय या फिटनस कराने से पहले यह जुर्माना भरना होगा।
प्रदेश में एक जनवरी से यातायात पुलिस की ओर से ई चालान की व्यवस्था शुरू की गई थी। इसके लिए यातायात पुलिसकर्मियों को ई-डिवाइस पहले ही मुहैया करवा दी गई थी, जिनसे चालान काटे जा रहे थे। जनवरी में ई-चालान शुरू हुआ लेकिन फरवरी के बाद कोरोना की दूसरी लहर आ गई। इस दौरान भी पुलिस की ओर से ई-चालान काटे जा रहे थे। पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ई-चालान से अब यह फायदा हुआ है कि पुलिसकर्मियों को नहीं रुकने वाले वाहनों का पीछा नहीं करना पड़ता है। नंबर देखकर उनका ई-चालान कर दिया जाता है।
ऐसे कर रही पुलिस ई-चालान

– पुलिस अधिकारियों ने बताया कि ई-चालान का सिस्टम नेशनल सर्वर से जुड़ा है, जिसमें परिवहन विभाग की वेबसाइट पर ऑनलाइन आरसी व लाइसेंस से जुड़ जाता है। यदि हाइवे पर कोई वाहन ओवरस्पीड में निकलता है और पुलिस के ईशारे को नहीं मानता है, तो वहां मौजूद इंटरसेप्टर वाहन के कैमरे उसकी नंबर, प्लेट व स्पीड नाप लेती है। नंबर के आधार पर ओवर स्पीड व ईशारे पर नहीं रुकने आदि का ई-चालान कर दिया जाता है। वाहन मालिक की आरसी व लाइसेंस से जो मोबाइल जुड़ा होता है, उस पर चालान का मैसेज जाता है। यदि वह चालान राशि जमा नहीं कराता है तो जब वह परिवहन विभाग में वाहन के संबंध में कोई कार्य कराने बेचने, फिटनस आदि के लिए जाएगा तो वहां चालान व राशि लिखी होगी। किसी भी कार्य से पहले वाहन मालिक को यह जुर्माना राशि जमा करानी होगी।
ई-डिवाइस से भी चालान

– रोड या चौराहों पर तैनात यातायात पुलिसकर्मी की ओर से ईशारा करने के बाद भी यदि कोई वाहन नहीं रुकता है तो उसके नंबर ई-चालान डिवाइस में फीड कर जुर्माना राशि भर दी जाती है। जो सर्वर से सीधे वाहन मालिक के मोबाइल नंबर पर मैसेज जाता है। ऐसे में उसको भी जुर्माना राशि जमा करानी होती है। यदि नहीं कराता है तो बेचते या फिटनस आदि के समय समस्या आती है।
गलत नंबर फीड होने पर परेशानी

– पुलिस अधिकारियों ने बताया कि पुलिसकर्मी की ओर से ई चालान डिवाइस में वाहन के नंबर यदि गलत फीड हो जाते हैं तो संबंधित के बजाय उस नंबर के वाहन मालिक के पास मैसेज चला जाता है। जो वहां था ही नहीं। बाद में इसको सही कराया जाता है।
सात माह में कर दिए साढ़े सौलह हजार चालान

– पुलिस की ओर से जनवरी में शुरू किए गए ई चालान 27 जुलाई तक 16 हजार 659 चालान किए गए। इनसे पुलिस ने हजारों रुपए का जुर्माना भी वसूल किया गया है। कुछ का जुर्माना अभी जमा नहीं हुआ है। जो वाहन को बेचते समय, बीमा कराते समय या फिटनेस लेते समय भरना पड़ेगा।
इनका कहना है

– जनवरी में ई चालान शुरू किए गए थे। जिसमें पुलिस का ईशारा करने के बाद भी वाहन नहीं रोकने वालों का पीछा नहीं करना पड़ता है और उनके ऑनलाइन चालान किए जाते हैं। हाइवे पर ओवरस्पीड वाहनों के चालान भी इंटरसेप्टर वाहनों की मदद से किए जा रहे हैं। सात माह में साढ़े सौलह हजार ई-चालान किए जा चुके हैं।
– कुलदीप सिंह चारण, यातायात प्रभारी श्रीगंगानगर

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