पुलिस अधिकारियों ने बताया कि लॉक डाउन में सोशल डिस्टेसिंग की पालना व मास्क तथा धारा 144 की पालना के लिए गलियों व संकरे इलाके में निगरानी के लिए पुलिस मुख्यालय के निर्देश के बाद निजी फोटोग्राफरों के ड्रोन किराए पर लिए गए थे। इने से सभी जिलों में निगरानी की गई थी। जो काफी सफल रही।
इस सफलता के बाद मुख्यालय ने सभी जिलों को पुलिस विभाग के ही ड्रोन मुहैया कराने की योजना पर कार्य हुआ। इसके चलते पहले पहले प्रत्येक जिले से दो-दो पुलिसकर्मियों को ड्रोन उड़ाने व रखरखाव व निगरानी आदि के संबंध में अजेमर व अन्य स्थानों पर ट्रेनिंग दी गई। इसके बाद प्रत्येक जिले को एक-एक ड्रोन भेज दिया गया।
जबकि रेंज मुख्यालय पर काफी महंगे और पावर फुल दो से पांच तक ड्रोन मुहैया कराए गए हैं। अब जिलों से गए दो-दो पुलिसकर्मी चार-चार थानों के पुलिसकर्मियों को पुलिस लाइन में ड्रोन उड़ाने का प्रशिक्षण दे रहे हैं। श्रीगंगानगर जिले से पुलिसकर्मी घनश्याम व संतराम इसकी ट्रेनिंग लेकर आ चुके हैं और यहां चार थानों के पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दे रहे हैं।
ड्रोन की खासियत
– जिलों को मिले ड्रोन की कीमत करीब 6 लाख रुपए है। यह स्वदेशी ड्रोन है। एचडी कैमरा लगा हुआ है। दो सौ मीटर ऊंचाई से यह वाहन के नंबर की भी पहचान कर सकता है। इसका लाइव पुलिस अधिकारी ऑफिस में बैठकर देख सकते हैं। ड्रोन 8 किलोमीटर दूरी तक पीछा कर सकता है। रेंज मुख्यालयों को मिले ड्रोन 500 मीटर ऊपर जा सकते हैं। प्रदेश में करीब 45 से अधिक ड्रोन दिए जा चुके हैं।
ऐसे लिया जाएगा कार्य में
– यदि किसी घर में हथियारबंद बदमाश घुस गए हैं तो ड्रोन के जरिए तत्काल वहां तक पहुंचने और बदमाशों के भागने के रास्ते का पता लगाया जा सका है। यदि बदमाश भागते हैं तो ड्रोन से उनकी लोकेशन आठ किलोमीटर दूरी तक पता की जा सकती है। यदि ड्रोन कंट्रोलर किसी वाहन में है तो फिर काफी दूरी तक पीछा कर सकते हैं।
पुलिस लाइन में चल रहा प्रशिक्षण
– अजमेर में ड्रोन उड़ाने व ट्रेकिंग करने की ट्रेनिंग लेकर आए दो पुलिसकर्मी अब यहां आरआई चंद्रकला की निगरानी में पुलिस लाइन में चार-चार थानों के पुलिसकर्मियों को सात-सात दिन की ट्रेनिंग दे रहे हैं। कोतवाली से सत्यनारायण कोणका, सदर से सुशील कुमार, पुरानी आबादी से नरेन्द्र कुमार व जवाहरनगर से अजय कुमार ट्रेनिंग ले रहे हैं।
इनका कहना है
– प्रदेश में हर जिले को ड्रोन दिए गए हैं। यह सामान्य ड्रोन से बड़े व कैमरा जूम ज्यादा है। ड्रोन कानून व्यवस्था, अपराधों की रोकथाम, धरपकड़ के काम में लिए जाएंगे। पुलिस आधुनिक तकनीक से लैस हुई है। ऐसे ड्रोन हर थाने में होने चाहिए। इसके लिए पुलिस महानिदेशक को मेरी तरफ से जल्द ही प्रस्ताव बनाकर भेजा जाएगा।
– हेमंत शर्मा, पुलिस अधीक्षक श्रीगंगानगर