scriptNow twenty years imprisonment for breaking relationships | रिश्तों को तार तार करने पर अब बीस साल की कैद | Patrika News

रिश्तों को तार तार करने पर अब बीस साल की कैद

locationश्री गंगानगरPublished: Nov 08, 2023 11:27:32 pm

Submitted by:

surender ojha

Now twenty years imprisonment for breaking relationships- रिश्तेदार ने धोखे से अपने घर बुलाया और किया अपहरण

रिश्तों को तार तार करने पर अब बीस साल की कैद
रिश्तों को तार तार करने पर अब बीस साल की कैद
court order करीब तीन साल पहले रिश्ते को ताक पर रखकर किशोरी का अपहरण कर दुष्कर्म करने के जुर्म में अदालत ने अब एक जने को दोषी मानते हुए बीस साल कठोर कारावास व 55 हजार रुपए जुर्माने से दंडित किया है। यह निर्णय पोक्सो मामलों की स्पेशल कोर्ट संख्या दो के स्पेशल जज अरुण कुमार अग्रवाल ने सुनाया।
विशिष्ट लोक अभियोजक नवप्रीत कौर संधू ने बताया कि सदर थाना क्षेत्र चक एक एमएल कालूवाला निवासी 33 वर्षीय मदनलाल पुत्र रामूलाल को दोषी मानते हुए आईपीसी की धारा 366 में पांच साल कठोर कारावास व पांच हजार रुपए जुर्माना, पोक्सो की धारा 3 व धारा 4 में बीस साल कठोर कारावास व पचास हजार रुपए जुर्माने की सजा सुनाई। जुर्माना राशि नहीं चुकाने पर छह माह का अतिरिक्त कारावास भुगताना होगा। इस प्रकरण की सुनवाई के दौरान चौदह गवाहों और 19 दस्तावेजी साक्ष्य प्रस्तुत किए गए। अदालत ने यह भी आदेश दिया कि जुर्माना राशि जमा होने पर पीडि़ता को चिकित्सा व्यय और अन्य खर्चो की पूर्ति के एवज में दिए जाएंगे।
विशिष्ट लोक अभियोजक संधू ने बताया कि सदर थाने में 20 अगस्त 2020 को पीडि़ता की मां ने रिपोर्ट दर्ज कराई थी। इसमें बताया कि वह अपने परिवार के संग हनुमानगढ़ जिले में रहती है। उसका पति नशीली दवाईयोें के बेचान करने के आरोप में जेल में बंद है। पति की जमानत कराने के लिए उसके रिश्तेदार कालूवाला चक निवासी मदनलाल ने उससे संपर्क किया और आश्वासन दिया कि वह सारा काम करवा देगा। उसकी बातों में आकर वह अपनी चौदह साल की बेटी के साथ आ गई। रात को चाय में नींद की गोलियां खिलाकर बेहोश कर दिया। सुबह उठी तो उसकी बेटी गायब मिली। शक होने पर पुलिस की मदद मांगी। इस पर पुलिस ने जांच शुरू की तो यह आरोपी रिश्तेदार मदनलाल किशोरी का अपहरण कर हरियाणा के रेवाड़ी जिले के धारूहेड़ा ले गया। वहां जाकर उसने इस किशोरी से दुष्कर्म किया। पुलिस ने इस किशोरी को लेकर मेडिकल मुआयना कराया और यहां बाल कल्याण समिति के समक्ष पेश किया। वहां से उसे उसकी मां के सुपुर्द कर दिया। जबकि आरोपी को गिरफ्तार कर अदालत में चालान पेश किया।
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