scriptSriGanganagar पोषाहार खत्म: आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बजाओ सिर्फ गाल | Nutrition over: Play only cheeks at Anganwadi centers | Patrika News

SriGanganagar पोषाहार खत्म: आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बजाओ सिर्फ गाल

locationश्री गंगानगरPublished: Jun 22, 2022 08:13:29 pm

Submitted by:

surender ojha

Nutrition over: Play only cheeks at Anganwadi centers- छह माह से दाल की आपूर्ति बंद, मार्च से अब तक गेहूं व चावल की सप्लाई अटकी

SriGanganagar पोषाहार खत्म: आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बजाओ सिर्फ गाल

SriGanganagar पोषाहार खत्म: आंगनबाड़ी केन्द्रों पर बजाओ सिर्फ गाल

SriGanganagar श्रीगंगानगर। सरकारी योजनाओं पर करोड़ों रुपए खर्च कर रही राज्य सरकार आंगनबाड़ी केन्द्रों में दाल, गेहूं व चावल की आपूर्ति ठीक से नहीं कर पा रही। ऐसे में आंनबाड़ी केन्द्रों पर बच्चों को सिर्फ हाजिरी के लिए बुलाया जा रहा है। पोषाहार देने के नाम पर बच्चे को गाल बजवाए जा रहे है। आंगनबाड़ी केन्द्रों पर दिसंबर के बाद से दाल की आपूर्ति बंद है, जबकि मार्च के बाद से गेहूं व चावल नहीं मिला। ऐसे में मासूमों, किशोरियों, धात्री, गर्भवती महिलाओं को पोषाहार नहीं मिल रहा। जिले में कुल 1974 केन्द्र है। इसमें बच्चों की संख्या 130389 पंजीकृत है।
हर महीने दिए जाने वाले पूरक पोषाहार की सप्लाई के लिए नेफेड को जिम्मेदारी दी गई है। नेफेड ने गेहूं, चावल व दाल की सप्लाई का ठेका प्राइवेट कम्पनी को दिया है, जो समय पर सप्लाई नहीं कर पा रही है। ऐसे में बच्चों को नियमित पोषाहार नहीं मिल रहा है।
चना दाल की बढ़ती मांग को देखते हुए वितरण की प्रक्रिया नहीं हो पा रही थी। वहीं दाल के एवज में सरकार ने बजट जारी नहीं किया तो यह आपूर्ति एकाएक ठप हो गई। इस कारण राज्य सरकार ने भी दाल की सप्लाई से अपने हाथ खींच लिए है।
चावल और गेहूं से पोषाहार का वितरण राज्य सरकार की ओर से स्थगित किया गया है। सरकार ने पिछले वित्तीय वर्ष 2021-2022 के लिए जिले के आंगनबाड़ी केन्द्रों को 150902 क्विंटल गेहूं, 150902.5 क्विंटल चावल और 330420 क्विंटल चना दाल की आपूर्तिकी थी। लेकिन इस नए वित्तीय वर्ष 2022-23 के लिए अभी तक गेहूं, चावल और चना दाल की आपूर्ति के संबंध में निदेशालय ने टैंडर नहीं किए है। इस कारण आंगनबाड़ी केन्द्रों में पोषाहार वितरण में अड़चन आ रही है।
इस बीच महिला एवं बाल विकास विभाग की उपनिदेशक रीना का कहना है कि पोषाहार उपलब्ध कराने के लिए निदेशालय को अवगत कराया जा चुका है। निदेशालय स्तर पर टेंडर में देरी मुख्य वजह रही है।
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