मंडी समिति प्रशासन ने नीलामी शुरू करने के पूरे प्रयास किए लेकिन सिरे नहीं चढ़ पाए। नीलामी प्रक्रिया में शामिल होने के लिए आए आवेदकों ने भी इतनी ऊंची दरों पर बोली लगाने से इंकार कर दिया। इससे काफी देर तक असमंजस की स्थिति बनी रही। मौके पर ही विधायक सोनादेवी बावरी ने आरोप लगाया कि डीएलसी दरों के नाम पर आवेदकों को परेशान किया जा रहा है। सब्जी विक्रेताओं ने भी इतनी ऊंची दरों पर दुकानों की खरीद में असमर्थता जताई। इस पर प्रशासन ने उच्चाधिकारियों को मामले से अवगत करवाते हुए नीलामी प्रक्रिया स्थगित कर दी।
करीब सवा करोड़ जा रहे बेकार
उधर मंडी यार्ड में दुकानों के आवंटन के लिए आवेदक पिछले पांच सालों से इंतजार कर रहे थे। नई धानमंडी के पीछे की तरफ करीब एक करोड़ से अधिक की लागत से सब्जी मंडी यार्ड का निर्माण किया गया था। निर्माण पूरा होने के बाद दुकानों के आवंटन के लिए 2012 से लगातार आवेदन प्रक्रिया चल रही थी। कई बार आवेदन लेने के बाद मुश्किल से नीलामी प्रक्रिया सिरे चढी थी कि डीएलसी दरों को लेकर आपत्ति हो गई। इस पर नीलामी की कार्रवाई एक बार फिर ठंडे बस्ते में चली गई। मंडी समिति ने दुकान आवंटन के लिए डीएलसी दर 11600 रुपए प्रति वर्गमीटर की दर से निर्धारित की थी। नीलामी में शुक्रवार को 52 दुकानों की नीलामी की जानी थी।
ऊंची दरों पर नहीं ले सकते दुकान
मंडी समिति प्रशासन ने डीएलसी दरों के नाम पर दुकानों की कीमत लाखों में पहुंचा दी लेकिन इतनी ऊंची दरों पर आम व्यापारी या अन्य तबके के लोग दुकान नहीं ले सकते। डीएलसी दरों में कमी करने पर ही नीलामी होने दी जाएगी।
सोनादेवी बावरी, विधायक रायसिंहनगर
नीलामी स्थगित
डीएलसी दरों को अधिक बताते हुए आपत्ति जताई गई थी। डीएलसी दरों में बदलाव राज्य सरकार के स्तर का मामला है। स्थानीय स्तर पर यह संभव नहंीं है। हमने नीलामी प्रक्रिया स्थगित कर दी है।
दिनेश कुमार शर्मा, सचिव कृषि उपज मंंडी समिति, रायसिंहनगर