इस सभागार में प्रत्येक उपखण्ड क्षेत्र के अधिकारी और उनके कार्मिक एक-एक योजना के लाभार्थियों की संख्या के अनुरुप योजनाओं के अनुरूप तय रंगों की पट्टियां लेने के लिए जुटे थे। जैसे ही यह पट्टियां गिनती कर सौंपी जाती तो संबंधित उपखंड क्षेत्र के अधिकारी अपनी टीम के साथ रवाना हो जाते।
‘हरी वाली कम और पीली वाली ज्यादा हैं’
जिला परिषद सीईओ चिन्मयी गोपाल और एडीएम सिटी वीरेन्द्र कुमार सहित अधिकारियों और कार्मिकों की टीम दिनभर लगी रही। एडीएम सिटी खुद एक फॉरमेट में एक एक उपखण्ड क्षेत्र के लाभार्थियों के लिए आवंटित की जा रही पट्टिका के हिसाब किताब में लगे थे। जैसे ही एडीएम सिटी ने घड़साना क्षेत्र का नाम पुकारा तो उनको संबंधित पट्टिका दी जाने लगी। इस बीच सीईओ ने टोकते हुए बोला कि हरी वाली कम और पीली वाली ज्यादा हो गई है। यह सुनकर जिला परिषद के कार्मिक मनोज मुंंजराल फिर से एक-एक पट्टिका की गिनती में लग गए।
जितनी योजनाएं, उतने ही रंग
आईपीएल मैच में जिस तरीके से अलग-अलग टीमों की ड्रेस का कलर अलग था, उसी तरह पीएम सभा में केन्द्र और राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं के लिए अलग-अलग रंग दिया गया र्है। इन रंगों की कपड़े से बनी पट्टिकाओं को संबंधित लाभार्थी के गले में डाला जाएगा।
इन-इन योजनाओं के लिए यह रंग
योजना का नाम पट्टिकाओं का रंग
पालनहार योजना हरा
प्रधानमंत्री आवास योजना नीला
कौशल आजीविका योजना ग्रे हल्का
मुद्रा योजना स्लेटी
मेधावी छात्रा स्कूटी योजना बैंगनी
जल स्वावलम्बन योजना पीला
भामशाह स्वास्थ्य बीमा योजना आसमानी
राजश्री योजना गुलाबी
राष्ट्रीय बाल सुधार योजना सरसों कलर
वृद्धजन तीर्थ यात्रा योजना केसरिया
गैस कनैक्शन उज्जवला योजना लाल
श्रमिक कार्ड योजना हल्का आसमानी
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