एक करोड़ रुपए का मांगा मुआवजा, वार्ता का अंतिम दौर
One crore rupees compensation, final round of negotiations- विकास डब्ल्यूएसपी में मजदूर की खुदकुशी का मामला गहराया- यूनियन का दावा, जब तक मुआवजा राशि का नकद भुगतान नहीं तब तक शव का अंतिम संस्कार नहीं.

श्रीगंगानगर. बकाया पन्द्रह माह के वेतन नहीं मिलने पर तनाव में आए रीको स्थित विकास डब्ल्यूएसपी के मजदूर हनुमान सुथार के खुदकुशी करने के मामले में जिला प्रशासन, मिल की मैनेजमेंट और श्रमिक यूनियन के बीच गतिरोध बना हुआ है। विकास डब्ल्यूएसपी फैक्टी में मजदूरों और प्रशासन के बीच वार्ता का अंतिम दौर अब गुरुवार दोपहर तीन बजे के बाद शुरू होगा।
मजदूर कर्मचारी यूनियन ने मृतक हनुमान सुथार के परिजनों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने की मांग रखी है। लेकिन फैक्ट्री की मैनेजमेंट की ओर से पन्द्रह लाख रुपए, पन्द्रह माह का बकाया वेतन औ पीएफ राशि देने की पेशकश की थी, इसे यूनियन ने ठुकरा दिया। इस मजदूर ने बुधवार शाम को इसी फैक्ट्री में जनरेटर रूम में जाकर फांसी लगाकर खुदकुशी कर ली थी। पिचपन वर्षीय यह मजदूर लालगढ़ जाटान का रहने वाला था। उसके तीन बेटियां और एक बेटा है।
इस फैक्ट्री में पिछले पन्द्रह माह से मजदूरों को वेतन नहीं दिया जा रहा है। यूनियन और सीटू के पदाधिकारियों का कहना है कि जब तक मुआवजा राशि एक करोड़ रुपए का नकद भुगतान नहीं किया जाता तब तक मृतक का अंतिम संस्कार नहीं किया जाएगा।
इससे पहले फैक्ट्री में सैंकड़ों मजदूर एकत्र हो गए।
इस मौके पर सीटू के वीएस राणा, प्रकाश, मोहनलाल, यूनियन के आत्माराम वर्मा,हनुमान मेहरड़ा, करनी सिंह, निर्मल सिंह, राजेन्द्र सिंह, विनोद खुडिय़ा, मंगत गौड़, रणवीर सिंह, ईशरराम, सम्पत्त सिंह, हरीसिंह स्वामी आदि ने मृतक हनुमान के परिजनों को एक करोड़ रुपए का मुआवजा देने, सभी मजदूरों की बकाया पन्द्रह माह की मजदूरी, कर्मचारियों का वेतन, जबरन छंटनी किए गए कर्मचारियों और मजदूरों को वापस काम पर लेने आदि बाइस सूत्री मांगें एसडीएम उम्मेद सिंह रतनू के समक्ष रखी।
एसडीएम ने इन मांग पत्रों के आधार पर मैनेजमेंट के साथ यूनियन पदाधिकारियों की वार्ता का दौर शुरू कराया। बुधवार रात दो बजे वार्ता सफल नहीं हुई तो गुरुवार सुबह दस बजे वार्ता का दौर शुरू किया। लेकिन दूसरे दौर की वार्ता में सहमति नहीं बनी। इसके बाद अब दोपहर तीन बजे के उपरांत तीसरे दौर की वार्ता की प्रक्रिया अपनाई जाएगी।
विकास डब्ल्यूएसपी कर्मचारी मजदूर यूनियन संघर्ष समिति अध्यक्ष आत्माराम ने बताया कि कर्मचारी और मजदूर पिछले पन्द्रह माह से अधिक समय से वेतन नहीं मिलने के कारण परेशान है।
इनके परिवार भूखे भरने के रास्ते पर आ गए है। तनाव को झेल नहीं पाने के कारण मजदूर हनुमान सुथार ने मजबूरन खुदकुशी कर ली। विकास डब्ल्यूएसपी कम्पनी प्रबन्धन की यही हठधर्मिता पूर्ण नीति रही तो कई और मजदूर भी आत्महत्या को मजबूर हो जाएंगे।
एसडीएम उम्मेद सिंह रतनू ने बताया कि वार्ता का दौर जारी है। दोनों पक्षों से वार्ता का दौर दो बार हो चुका है। यूनियन मृतक के आश्रितों को एक करोड़ रुपए देने पर अड़ी है। वहीं विकास डब्ल्यूएसपी कम्पनी प्रबन्धन पन्द्रह लाख रुपए देने को तैयार है। अब अंतिम दौर की वार्ता चार बजे के बाद ही साफ हो पाएगा कि स्थिति क्या रहती है।
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