साइबर ग्रूमिंग एक बढ़ता साइबर थ्रेट है जो किशोरावस्था के विद्यार्थियों को अधिक प्रभावित करता है। इसमें अपराधी की ओर से जाली अकाउंट बनाकर बच्चे जैसा व्यवहार करता है तथा शोषण या यौन उत्पीडऩ के उद्देश्य से विद्यार्थियों के साथ भावनात्मक संबंध स्थापित किए जाते हैं।
अक्सर देखा जा रहा है कि विद्यार्थियों में पढ़ाई के साथ-साथ खेल भी ऑनलाइन शुरू कर रखे हैं। ऑनलाइन खेल डाउनलोड करने के साथ स्पैम, वायरस, द्वेषपूर्ण सॉफ्टवेयर साथ में डाउनलोड हो जाते हैं जो कि विद्यार्थियों के कंप्यूटर, मोबाइल फोन या गेमिंग कंसोल को प्रतिकूल रूप से प्रभावित करते हैं। इसलिए बोर्ड ने कहा है कि भूलकर भी अवैध गेम और सॉफ्टवेयर इंस्टॉल नहीं करने चाहिए।
3. मोबाइल डाटा चोरी व अन्य हानि से बचने के लिए पढ़ाई के अलावा डाटा बर्बादी पर पाबंदी लगाएं।
-जिले में कुल विद्यालय-3019 -प्रा.व उ.प्रा. स्तर के विद्यार्थी- 291284
-मा.व उ.मा.स्तर के विद्यार्थी- 117542
वर्तमान में ऑनलाइन शिक्षण के लिए विद्यार्थी डिजिटल प्लेटफार्म का अधिक प्रयोग कर रहें हैं। मोबाइल, इंटरनेट, सर्च इंजन, वेबसाइट आदि के इस्तेमाल की पूरी जानकारी के अभाव में बच्चे साइबर खतरों को बुलावा न दें। इसके लिए पढ़ाई के साथ-साथ विद्यार्थियों और अभिभावकों का बिना डरे सतर्क व सजग रहना बेहद जरूरी है। सीबीएसइ ने साइबर सुरक्षा मैनुअल सभी विद्यार्थियों के लिए लाभदायक है।